आज ही के दिन हमेशा के लिए दुनिया को कहा था अलविदा मुंबई,(ईएमएस)। अपने बेमिशाल अभिनय से सिनेमा जगत में अमिट छाप छोड़ने वाली और राजनीति के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होने वाली अनेक योजनाएं चलाने वाली अम्मा जयललिता ने आज ही के दिन इस फानी दुनियां को हमेशा के लिए अलविदा कहा था। दरअसल 5 दिसंबर 2016 को दिल का दौरा पड़ने से जयललिता का निधन हो गया था। तब उनकी अंतिम यात्रा में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया और उनकी मृत्यु तमिलनाडु के लिए एक बड़ी क्षति थी। अभिनय की दुनियां से राजनीति के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाने वाली जयललिता, जिन्हें तमिलनाडु में अम्मा के नाम से जाना जाता है, का जीवन संघर्ष, सफलता और करिश्मे की अद्भुत मिसाल है। 24 फरवरी 1948 को कर्नाटक के मैसूर में जन्मी जयललिता ने फिल्मी दुनिया से राजनीति तक का सफर तय करते हुए खुद को एक प्रभावशाली नेता और जनप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित किया था। जयललिता ने बचपन से ही पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। 10वीं कक्षा में राज्य की टॉपर रहीं, लेकिन पिता की असामयिक मृत्यु और परिवार की आर्थिक स्थिति ने उन्हें वकील बनने के सपने से दूर कर दिया। उनकी मां वेदवल्ली ने परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, और यहीं से जयललिता का सफर भी फिल्मी दुनिया की ओर मुड़ गया। सिनेमा का ग्लैमर और सुपरस्टारडम जयललिता ने 1961 में कन्नड़ फिल्म श्री शैला महाथमे से अपने करियर की शुरुआत की। 1965 में तमिल फिल्म वेनिरा आडाई से बतौर मुख्य अभिनेत्री डेब्यू किया और वह तमिल सिनेमा की पहली ऐसी अभिनेत्री बनीं जिन्होंने शॉर्ट स्कर्ट पहनी। 18 साल की उम्र में वह दक्षिण भारतीय सिनेमा की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक बन चुकी थीं। उन्होंने कुल 140 से अधिक फिल्मों में काम किया, जिनमें 28 फिल्में एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) के साथ थीं। राजनीति में कदम एमजीआर ने जयललिता को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया। 1982 में उन्होंने एआईएडीएमके जॉइन की और अपनी भाषण शैली और करिश्माई व्यक्तित्व से जल्द ही पार्टी का प्रमुख चेहरा बन गईं। एमजीआर की मृत्यु के बाद पार्टी की बागडोर संभालते हुए उन्होंने 1991 में पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री का पद संभाला। अम्मा योजनाएं और जनता की नेता जयललिता के कार्यकाल में शुरू की गई अम्मा योजनाएं जैसे अम्मा कैंटीन, अम्मा पानी, और अम्मा दवा ने जनता के बीच उनकी छवि अम्मा के रूप में मजबूत की। उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू कीं, जिससे उन्हें तमिलनाडु में अजेय नेता के रूप में मान्यता मिली। विवाद और जेल उनके जीवन में विवादों की भी कमी नहीं रही। आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा। हालांकि, हर बार उन्होंने सत्ता में वापसी कर अपने आलोचकों का मुंह भी बंद करने जैसा काम कर दिखाया था। आखिरी समय और विरासत 5 दिसंबर 2016 को दिल का दौरा पड़ने से जयललिता का निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया। उनकी मृत्यु तमिलनाडु के लिए एक बड़ी क्षति थी। अम्मा का अमिट प्रभाव जयललिता ने सिनेमा और राजनीति दोनों में अपनी छाप छोड़ी। उनकी योजनाएं और नेतृत्व आज भी तमिलनाडु के लोगों के दिलों में जिंदा हैं। संघर्ष, दृढ़संकल्प और जनता के प्रति समर्पण से भरी उनकी कहानी न केवल प्रेरणा देती है बल्कि एक असाधारण व्यक्तित्व का परिचय भी कराती है। उनकी पुण्यतिथि पर देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। हिदायत/ईएमएस 05दिसंबर24