यरुशलम समेत फलस्तीन की कब्जा की गई जमीन इसराइल करे वापस जनेवा,(ईएमएस)। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में इसराइल के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया है। दरअसल, सेनेगल ने एक प्रस्ताव पेश किया था। इसके तहत यरुशलम समेत फलस्तीन की कब्जा की गई जमीनों से इसराइल के वापस जाने की मांग की गई थी। साथ ही पश्चिम एशिया के इस क्षेत्र में विस्तृत, न्यायसंगत शांति लाने का आह्वान किया गया। इस प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए 193 सदस्य देशों में से 157 देशों ने इसराइल के खिलाफ वोट किया। वहीं आठ देशों ने इसराइल के पक्ष में मतदान किया है। कई देशों ने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया है। फलस्तीन में शांतिपूर्ण बसावट नाम के इस ड्राफ्ट प्रस्ताव का जिन देशों ने विरोध किया, उनमें अर्जेंटीना, हंगरी, इसराइल, माइक्रोनेशिया, नाउरु, पलाउ, पपुआ न्यू गिनी और अमेरिका शामिल हैं। वहीं सात देश- कैमरून, चेकिया, इक्वाडोर, जॉर्जिया, पराग्वे, यूक्रेन और उरुग्वे प्रस्ताव को ध्वनि मत के जरिए स्वीकार कर लिया। इसमें पश्चिम एशिया में बिना देरी के विस्तृत, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति हासिल करने की मांग की है। इस प्रस्ताव में 1967 में पूर्वी यरुशलम समेत फलस्तीन के इलाकों में शुरू हुए इसराइली कब्जे को संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत खत्म करने का आह्वान किया गया है। यूएन में पेश हुए इस प्रस्ताव में मांग की गई कि इसराइल 1967 से कब्जाई गए फलस्तीन क्षेत्र, जिसमें पूर्वी यरुशलम का हिस्सा भी शामिल है को खाली कर वापस जाए। प्रस्ताव में फलस्तीन के लोगों के अधिकारों, खासकर उनके आत्मनिर्णय के अधिकारों और स्वतंत्र शासन का समर्थन किया गया है। सिराज/ईएमएस 04दिसंबर24