- पिछले साल एम्स पर रैंसमवेयर हमलों के लिए भी डार्क वेब का इस्तेमाल हुआ था नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत में कम से कम 20 प्रतिशत साइबर अपराधों को डार्क वेब का इस्तेमाल करके किया जा रहा है, एक रिपोर्ट में उजागर किया गया है। डार्क वेब एक मंच है जिसे उपयोगकर्ता विशेष उपकरणों का इस्तेमाल करके पहुंच सकते हैं, पहचान करना और स्थान पता लगाना मुश्किल होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 20 प्रतिशत साइबर अपराधों में हमलावरों ने डार्क वेब का सहारा लिया है। ये अपराध डेटा सेंधमारी, हैकिंग, रैंसमवेयर आदि जैसे गंभीर अपराधों की ओर संकेत कर रहे हैं। गुरुग्राम स्थित लिसिएंथस टेक के सीईओ ने बताया कि एक व्यक्ति को डार्क वेब के माध्यम से गांजा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल, एम्स पर रैंसमवेयर हमलों के लिए भी डार्क वेब का इस्तेमाल हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक डार्क वेब का इस्तेमाल पिछले दशक में दोगुना हो गया है। साइबर सुरक्षा के मामले में उपयोगकर्ताओं को अलर्ट रहने की जरूरत है। सतीश मोरे/04दिसंबर ---