ओटावा,(ईएमएस)। कनाडा में अस्थायी परमिट पर रह रहे विदेशी नागरिकों, विशेष रूप से भारतीयों के लिए गंभीर चुनौती पैदा हो गई है। कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री ने कहा है कि 2025 के आखिर तक करीब 50 लाख अस्थायी परमिट खत्म होने वाले हैं। इनमें 7,66,000 से ज्यादा विदेशी छात्रों के वीजा शामिल हैं।कनाडा में ट्रूडो सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई नीतियों ने विदेशी छात्रों और अन्य अस्थायी निवासियों के सामने चुनौतियां बढ़ा दी हैं। मंत्री ने संसदीय समिति को बताया कि ज्यादातर लोग स्वेच्छा से देश छोड़ने की उम्मीद है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में वीजा खत्म होने से सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह यह तय करे कि लोग नियमानुसार देश छोड़ें। सभी अस्थायी लोगों को देश छोड़ने की जरुरत नहीं होगी। कुछ को उनके वर्क परमिट या पोस्टग्रेजुएट वीजा नवीनीकरण का विकल्प मिल सकता है। ये वीजा कनाडाई डिग्री या डिप्लोमा धारकों को स्थायी करने के लिए जरुरी अनुभव प्रदान करते हैं। कनाडा में भारतीय सबसे बड़े प्रवासी समूहों में शामिल हैं। ट्रूडो सरकार की नई नीतियों से भारतीय समुदाय पर असर पड़ा है। ब्रैम्पटन में भारतीय युवा लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनका कहना है कि वे बेहतर भविष्य की उम्मीद में कनाडा आए थे, लेकिन बदलती नीतियों के कारण उनके सपनों पर संकट खड़ा हो गया है। कनाडा में नीतिगत बदलावों और अस्थायी परमिटों की समाप्ति से पैदा हुए संकट के समाधान के लिए सरकार और प्रभावित समुदायों के बीच संवाद महत्वपूर्ण होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति न केवल प्रवासियों बल्कि कनाडा की अर्थव्यवस्था और समाज पर भी असर डाल सकती है। सिराज/ईएमएस 04 दिसंबर 2024