विशेष पुलिस महानिदेशक शैलेश सिंह ने लिखा पत्र -सभी जोन-रेंज आईजी, डीआईजी, डीआईजी एसएएफ से कही नियमो का पालन किये जाने की बात भोपाल(ईएमएस)। मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना के 30 नवंबर को होने वाले विदाई समारोह से पहले स्पेशल डीजी शैलेष सिंह द्वारा विदाई समारोह में सलामी परेड नहीं होने को लेकर लिया गया एक पत्र इन दिनो चर्चा में बना हुआ है। जिसमें सलामी समाप्त करने के 2007 के आदेश के हवाले से कई बातों का उल्लेख किया गया है। शैलेष सिंह ने जो पत्र लिखा है, उसमें कहा गया है, की राज्य शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि, मुख्यमंत्री, मंत्रीगण एवं पुलिस अधिकारियों को दी जाने वाली सलामी समाप्त की गई है। केवल राज्यपाल ही सलामी ले सकेंगे। किंतु देखने में आ रहा है, कि उक्त पत्र का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है, जिससे परेड में लगे कर्मचारियों की ड्यूटिया प्रभावित होती है। पत्र में आगे लिखा गया, ऐसा कर शासन के निर्णय का उल्लंघन किया जा रहा है, साथ ही यह प्रथा अंग्रेजों की याद दिलाती है। इस तरह सलामी लेना असंवैधानिक है, जो कि उपनिवेशवाद को दर्शाता है। पुलिस जैसे अनुशासित विभाग में रहते हुये इस तरह शासन के निर्णय का उल्लंघन करना अधीनस्थ अधिकारियों कर्मचारियों पर गलत प्रभाव पड़ेगा जो कि अच्छी बात नहीं है। इसलिए आदेश का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित करें। स्पेशल डीजी ने डीजीपी की सलामी परेड के एक दिन पहले 29 नवम्बर को पीएचक्यू के साथ सभी जोन-रेंज आईजी, डीआईजी, डीआईजी एसएएफ को संबोधित कर जारी किया गया है। इस पत्र से स्पष्ट है, कि मध्य प्रदेश में सलामी लेने का अधिकार केवल राज्यपाल को है, पुलिस अधिकारी अन्य किसी को सलामी नहीं दे सकते। बता दें कि जारी आदेश में सलामी परेड की व्यवस्था को सिर्फ सीएम और मंत्रियों के लिए खत्म कर किया गया है। वहीँ प्रदेश के राज्यपाल के लिए यह परंपरा पहले की तरह ही चलती रहेगी। जुनेद / 30 नवंबर