-हथियार खरीदी में दलाली को लेकर यूनुस सरकार संदेह के घेरे में ढाका (ईएमएस)। बांग्लादेश में फैली अशांति के बीच यूनुस सरकार ने अपनी सेना के लिए पाकिस्तान से जमकर हथियारों की खरीद की है। करीब 52 साल बाद पाकिस्तान से हथियार लेकर जहाज बांग्लादेश पहुंचा है। पूर्व पीएम शेख हसीना द्वारा बचाए गए राजकोष का जमकर दुरुपयोग हो रहा है। पाकिस्तान से हुई हथियार खरीदी में दलाली को लेकर यूनुस सरकार संदेह के घेरे में है। अभी कार्यभार संभाले उन्हें ज्यादा समय नहीं हुआ था कि सेना की तरफ से बताया गया कि फौज के पास मौजूद गोला बारूद और रायफलों के राउंड खत्म होने के कगार पर हैं। बांग्लादेश की स्थितियों को देखते हुए कई देशों से गोला बारूद की बात हुई लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। बांग्लादेश में मौजूद सलाहकारों ने भारत की जगह किसी और देश से गोला बारूद मंगाने को कहा। ऐसे में जब अन्य देशों से कोई उम्मीद नहीं रही तो प्रशासन के अंदर बैठे लोगों ने पाकिस्तान से गोला बारूद मंगाने को कहा। पाकिस्तान ने बांग्लादेश से कहा कि वह पहले पैसा दे दे उसके बाद वह हथियारों की आपूर्ति करेगा। पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ने अपने प्रशासन को सलाह दी की बांग्लादेश जो भी पैसा दे वह उसे ले ले क्योंकि 1971 के बाद यह पहली बार था जब बांग्लादेश ने पाकिस्तान से हथियार मांगे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश ने पाकिस्तान से करीब 50000 राउंड गोला बारूद, 3000 यूनिट टैंक गोला बारूद, 50 टन आरडीएक्स विस्फोटक समेत 20000 राउंड गोला बारूद भी सप्लाई करने को कहा। दिलचस्प है कि बांग्लादेश ने हथियारों का जो आर्डर दिया वह उनके शेख हसीना के समय से खरीदे गए ऑर्डर से कहीं ज्यादा था। इसके कारण 52 साल बाद हथियारों से भरा एक जहाज पाकिस्तान से बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर पहुंचा, जिसमें बताया जा रहा है कि हथियारों के अलावा कुछ अन्य सामान भी शामिल था। इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है कि बांग्लादेश के पास पाकिस्तान से कितनी हथियार पहुंचे है। इस बात की चर्चा भी हुई जब पाकिस्तान से पानी के रास्ते सीधा एक जहाज मध्य नवंबर में बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर पहुंच गया। फिलहाल आने वाले समय में बांग्लादेशी सेना इन हथियारों का अपने हिसाब से प्रयोग करेंगी लेकिन हथियारों के इस जखीरे की खरीद में दलाली की बातें भी सामने आ रही है, जिसे लेकर यूनुस सरकार समेत बांग्लादेशी सेना के अनेक अधिकारी सवालों के घेरे में हैं। सिराज/ईएमएस 30 नवंबर 2024