राष्ट्रीय
28-Nov-2024


नई दिल्ली (ईएमएस)। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए होने वाले फ्रॉड के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीयों ने यूपीआई धोखाधड़ी के के चलते लगभग 485 करोड़ रुपए गंवा दिए हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल यूपीआई से धोखाधड़ी की घटनाएं छह लाख 32 हजार तक पहुंच चुकी हैं। ये आंकड़े सितंबर महीने तक के जारी किए गए हैं। वहीं 2022-23 से अब तक की अवधि में 27 लाख लोगों के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं हुई है, जिसमें यूजर्स को 2145 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं, सिर्फ साल 2023-24 में 13 लाख से ज्यादा लोगों के साथ यूपीआई की धोखाधड़ी हुई हैं, जिसमें इन लोगों ने कुल 1087 करोड़ रुपए गंवा दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बताया जा रहा है कि यूपीआई के कारण होने वाली धोखाधड़ी की संख्या यूजर्स के बढ़ने के कारण बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं इन फ्रॉड की घटनाओं के बढ़ने के पीछे का कारण रियल टाइम पेमेंट्स सिस्टम के ट्रांजेक्शन की संख्या बढ़ना भी है। फिनटेक इनोवेशन को बढ़ावा देने की जरूरत वित्त मंत्रायल में बताया है कि भारत को फ्रॉड से निपटने के लिए फिनटेक इनोवेशन को बढ़ावा देने और विनियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के बीच बैलेंस को मेनटेन करना होगा। जिसका सीधा मतलब है कि इनोवेशन जितना बढ़ रहा है, उसी हिसाब से रेग्यूलेटरी नियमों का पालन करना होगा। बता दें कि भारत का फिनटेक सेक्टर दुनिया का सबसे बड़ा फिनटेक सेक्टर हैं। सरकार का लक्ष्य है कि वित्तीय क्षेत्र में आने वाले क्रांतिकारी बदलावों की रफ्तार को भी जारी रखा जाना चाहिए। ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है। बालेन्द्र/ईएमएस 28 नवंबर 2024