ग्रेटर नोएडा (ईएमएस)। सड़क हादसे में कृपालु महाराज की बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत के मामले में पुलिस ने आरोपी ड्राइवर को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। इस मामले में कैंटर मालिक से भी पुलिस ने पूछताछ की है। वहीं घायलों की हालत खतरे से बाहर है। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि इस घटना को रंजिशन अंजाम दिया गया था या हादसा है। बता दें कि कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी, श्यामा त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी पांच अन्य लोगों के साथ दो कार में सवार होकर मथुरा के वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर से दिल्ली एयरपोर्ट के लिए 24 नवंबर की सुबह जा रही थीं। तब यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर इलाके में उनकी खड़ी हुई कारों को कैंटर ने पीछे से टक्कर मार दी थी। हादसे में डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई, जबकि अन्य सात लोग घायल हैं। कोतवाली पुलिस ने कैंटर गाड़ी के मालिक को बुधवार को कोतवाली बुलाकर उससे पूछताछ किया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस का कहना है कि वह खुद ही कोतवाली पहुंच गया। काफी देर तक पुलिस ने उससे पूछताछ की। पुलिस का कहना है कि वह ट्रांसपोर्टर है। उसकी गाड़ी को हरेंद्र यादव चलाता था। पुलिस ने इस मामले में अब तक की जांच में मालिक की कोई लापरवाही नहीं पाई गई है। आरोपी कैंटर ड्राइवर ने बताया था कि उसकी गाड़ी के आगे एक बस आ गई थी। जिससे असंतुलित होकर उसकी गाड़ी कारों से टकरा गई थी। जबकि पुलिस ने जांच में पाया कि कैंटर गाड़ी के आगे कोई भी बस नहीं थी। पुलिस आंशका व्यक्त कर रही है कि कैंटर गाड़ी के ड्राइवर को नींद आ जाने के चलते गाड़ी कारों से टकराई थी। उसने खुद की गलती छुपाने के लिए बस के ओवरटेक की कहानी गढ़ी। बालेन्द्र/ईएमएस 28 नवंबर 2024