पार्टी नेताओं के विरोध के बावजूद शिंदे का सरेंडर, कहा-मुझे सीएम बनने की लालसा नहीं, पीएम मोदी और अमित शाह का फैसला मंजूर! -महायुति ने महाराष्ट्र का चुनाव एकनाथ शिंदे के चेहरे पर लड़ा गया था नई दिल्ली (ईएमएस)। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। भाजपा की अगुवाई वाले महायुति से अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, अभी इस पर सस्पेंस बरकार है। इसी बीच शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि मैं अपने आप को कभी मुख्यमंत्री नहीं समझता हूं। मैं हमेशा अपने आपको कॉमन मैन समझता हूं। शिंदे ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था। मैंने उनसे कहा कि हमारी तरफ से मुख्यमंत्री को लेकर कोई अड़चन नहीं आएगी। हमारा पूरा सहयोग रहेगा। मुझे सीएम बनने की लालसा नहीं, पीएम मोदी और अमित शाह का फैसला मंजूर होगा। महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री दिल्ली से ही तय होगा। दरअसल, महाराष्ट्र का चुनाव एकनाथ शिंदे के चेहरे पर लड़ा गया था। लेकिन भाजपा को महायुति में सबसे ज्यादा 132 सीटें मिलीं तो सीएम को लेकर खींचतान जारी हो गई। आखिरकार अब एकनाथ शिंदे ने खुद ये ऐलान कर दिया है कि वह भाजपा के हर फैसले को मानने के लिए तैयार हैं। ऐसे में अब सीएम के लिए चल रहा गतिरोध खत्म होता दिख रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही नए मुख्यमंत्री को लेकर खींचतान जारी है। चाहे एकनाथ शिंदे हों, देवेंद्र फडणवीस हों या फिर अजित पवार... तीनों के ही समर्थक अपने नेता को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। इसकी बानगी नतीजे वाले दिन भी देखने को मिली थी, जब तीनों नेताओं के समर्थकों ने खुलकर अपने लीडर को सीएम बनाने की मांग शुरू कर दी थी। बता दें कि एकनाथ शिंदे इस समय कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं। मैंने राज्य की बेहतरी के लिए काम किया एकनाथ शिंदे ने इस दौरान शाह और मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भाजपा और शाह-मोदी ने मेरा पूरा साथ दिया। वो चट्टान बनकर मेरे साथ खड़े रहे। मैंने पीएम मोदी को फोन करके कहा है कि हमारी तरफ से कोई दिक्कत नहीं है। आप जिसे भी सीएम के लिए चुनेंगे उसे मेरा सपोर्ट है। इस दौरान शिंदे ने कहा कि मैंने हमेशा राज्य की बेहतरी के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की लाडली बहनों का मैं लाडला भाई हूं। अभी बहुत काम करना है। मैंने ढाई साल में राज्य के लिए खूब काम किया है। आगे भी हम इसी रफ्तार से काम करेंगे। महायुति मजबूत है और हम सब मिलकर काम करने को तैयार हैं। एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमने पिछले ढाई साल में लगातार काम किया है। मैं लाडली बहनो का लाडला भाई हूं। मैं हमेशा तत्पर रहता हूं। मैं आगे भी काम करने के लिए तैयार हूं। शिवसेना बोली- डिप्टी सीएम पोस्ट स्वीकार नहीं उधर, शिवसेना ने दो टूक कह दिया है कि एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे। शिवसेना का कहना है कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे। शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के चेहरे पर लड़ा गया। इस बात को देवेंद्र फडणवीस और भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मानते हैं। इसलिए शिंदे मुख्यमंत्री बनने के योग्य हैं। उन्होंने कहा कि ये हमारी मांग है कि जो चेहरा सामने आया है, उसे प्राथमिकता देनी चाहिए। भाजपा अगर हमारी डिमांड पूरी करती है तो लोगों में अच्छा मैसेज जाएगा। अगर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनते है तो आने वाले चुनावों में हमें फायदा होगा। शिंदे की वजह से ही चुनाव में महायुति को फायदा हुआ है। हम रामदास अठावले को गंभीरता से नहीं लेते एकनाथ शिंदे को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि शिवसेना कह चुकी है कि हम अठावले को गंभीरता से नहीं लेते। उन्होंने कहा कि वो रामदास अठावले हैं, हम उनको सीरियस नहीं लेते, वो केंद्र के नेता हैं, केंद्र की राजनीति करें। महाराष्ट्र की राजनीति कैसे करनी है वो हम अच्छे से जानते हैं। जो लोग हमें गद्दार कहते है, वो अब घर मे बैठेंगे। मुझे नहीं लगता एकनाथ शिंदे उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकारेंगे। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को एकनाथ शिंदे ने राजभवन पहुंचकर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की मौजूदगी में अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया था। दिल्ली बुलाए गए महायुति के नेता शिंदे, फडणवीस और पवार को बुलाया गया दिल्ली बता दें कि शिवसेना एनसीपी के प्रमुख नेताओं और देवेंद्र फडणवीस को दिल्ली बुलाया गया है। भाजपा के हाईकमान ने गुरूवार को प्रफुल्ल पटेल, अजीत पवार, देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के साथ अहम बैठक तय की है। बता दें कि महाराष्ट्र की 288 सीटों में से महायुति को 230 सीट मिली थी। भाजपा ने 132 सीटों पर जीत हासिल की है।