नई दिल्ली (ईएमएस)। अमेरिका में गौतम अडानी पर लगे आरोपों की आंच से मंगलवार को संसद में उबाल आ गया। संसद में इस मुद्दे पर विपक्ष ने अडानी मामले की जांच को लेकर जबरदस्त हंगामा किया। कांग्रेस लगातार अडानी की गिरफ्तारी की मांग कर रही है। कांग्रेस ने कहा कि अडानी पर लगे इतने संगीन आरोपों के बीच मोदी सरकार और जांच एजेंसियों को सांप क्यों सूंघ गया है? कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है। सरकार संसद में इस विषय को लेकर चर्चा कराने को तैयार नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस वार्ता में कहा कि किसी भी और के ऊपर अगर यह आरोप लगे होते तो ईडी, सीबीआई, सेबी जैसे संस्थान जांच करतीं, लेकिन अडानी की वजह से सबके हाथ पांव फूले हुए हैं। संसद में चर्चा तो दूर उनका नाम तक नहीं ले रहे। हर ओर से घिरे अडानी सिर्फ भारत में ही सुरक्षित हैं, क्योंकि यहां पर नरेंद्र मोदी के चलते कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। अन्यथा इन आरोपों पर तो अभी तक उनकी गिरफ्तारी हो जानी चाहिए थी। अडानी की दलीलों से आरोप नहीं धुलेंगे कांग्रेस ने कहा कि अडानी ग्रुप की दलीलों से अमेरिकी एजेंसियों और वहां के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप धुलनेवाले नहीं हैं। इससे पहले ऐसा नहीं है कि भारतीय एजेंसियों ने अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के आरोपों के आधार पर जांच नहीं की है। कांग्रेस ने कहा कि इसी मोदी सरकार के कार्यकाल में सीबीअई ने 2016 में अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस द्वारा लगाए आरोपों के आधार पर ब्राजीलियन जहाज बनाने की कंपनी एम्ब्रायर की जांच की थी। इसी मोदी सरकार के कार्यकाल में साल 2018 में सीबीआई ने अमेरिकन कंपनी लॉउज बर्गर की करोड़ों की घूस देने के आरोप में जांच की थी। बालेन्द्र/ईएमएस 27 नवंबर 2024