क्षेत्रीय
27-Nov-2024
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-फर्जी डेथ सार्टिफिकेट लगाये, कोर्ट को शक होने पर हुआ खुलासा भोपाल(ईएमएस)। पुराने शहर के शाहजहांनाबाद थाना इलाके में एक महिला ने गैस दावा अदालत से प्रोरेटा मुआवजा के 13 हजार पाने के लिए अपने पति और बेटी को कागजों पर मरा बताते हुए उनके फर्जी डेथ सार्टिफिकेट पेश कर दिये। में अदालत को शक होने पर जब नगर निगम से इसकी जानकारी मंगाई गई तब पता चला कि पति की मौत प्रोरेटा मुआवजा के लिए किए गए आवेदन के दस साल बाद हुई है, और बेटी अभी भी जिंदा है। थाना पुलिस के अनुसार गैस दावा अधिकरण में स्थित उपायुक्त कार्यालय से बीती 26 सिंतबर को प्रतिवेदन मिला जिसकी जॉच के बाद मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आगे बताया कि भोपाल गैस त्रासदी के समय आरोपी शीला यादव पत्नी मनोहर यादव जहांगीराबाद स्थित वार्ड-13 के ओम नगर में रहती थी। उसका गैस दावा प्रकरण साल 1994 से चला आ रहा था। पूर्व में घोषित 25 हजार रुपए मुआवजा रकम में से बचा 13 हजार की प्रोरेटा मुआवजा की रकम लेने के दिसंबर, 2010 में आवेदन किया था। शीला ने पति मनोहर यादव और बेटी ज्योति यादव की मौत के झूठे प्रमाण गैस दावा कोर्ट में पेश किए थे। शीला यादव ने कोर्ट को बताया था की उसके पति की मौत 7 दिसंबर, 1994 और बेटी की मौत 3 अप्रैल, 1997 में हुई थी। कोर्ट को दस्तावेज पर संदेह हुआ जिसके बाद मामले की जांच की गई। हालांकि कोर्ट ने पति का प्रोरेटा मुआवजा जारी कर दिया। लेकिन, मामले को संदिग्ध मानते हुए इसकी जांच जारी रखी गई थी। जॉच के दौरान नगर निगम भोपाल ने दिसंबर, 2011 में कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि शीला के पति मनोहर यादव की मौत 3 अप्रैल, 1997 को हुई थी। जबकि बेटी की मौत ही नहीं हुई थी। इसके बाद पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया गया। जुनेद / 27 नवंबर