उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले के गांव खुडाना निवासी एक दूल्हे ने 51 लाख रुपये दहेज को छोड़कर सिर्फ एक रुपया व नारियल लेकर अपनी शादी रचाई है। ऐसा करके दूल्हे ने दहेज प्रथा का विरोध कर दूसरों के लिए मिसाल पेश की है। सहारनपुर जिले में नानौता क्षेत्र के गांव खुडाना निवासी महावीर सिंह पुंडीर अपने पोते अभय प्रताप की बारात लेकर हरियाणा के करनाल में गए थे। वहां अभय का विवाह अशोक राणा की बेटी गौरा राणा के साथ धूमधाम से संपन्न हुआ। तिलक के दौरान दुल्हन के परिवार ने 51 लाख रुपये दहेज में देने चाहे , लेकिन दूल्हे और उसके परिजनों ने उक्त राशि लेने से साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा समाज में बहुत बड़ी बुराई है। दूल्हे और उसके परिजनों ने विनम्रता के साथ 51 लाख रुपये वधु पक्ष को लौटा दिए और दहेज में एक नारियल और एक रुपया लेकर शादी की।ऐसे ही यमुनानगर में भी एक दूल्हेम ने बिना दहेज शादी की है।दूल्हे ने ससुराल पक्ष से केवल एक रुपया और नारियल लेकर अपनी दुल्हकन को विदा कराकर घर लाया है। हंगोली गांव के एमए पास युवक हैप्पी ने मोहम्मदपुर की एमकाम युवती सिंपल के साथ रचाए विवाह में शुगन के तौर मात्र एक रुपया व नारियल लिया है। शिक्षित होकर खेती कर रहे हैप्पी लड़कियों को उच्च शिक्षा देने का पक्षधर है। साथ ही दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या और नशे जैसी बुराइयों का कड़ा विरोधी है। जब उसके रिश्ते की बात मोहम्मद पुर के मास्टर रणधीर सिंह की बेटी सिंपल के साथ चली तो उसने पहले ही दहेज न लेने की बात स्पष्ट कर दी थी।हैप्पी ने कहा कि एक उच्च शिक्षित युवती से उसका विवाह होना ही उसके लिए सबसे बड़ा दहेज है। हैप्पी की इस बात से उसके पिता जसपाल भी राजी थे। दामाद की दृढ़ इच्छा को देखते हुए मास्टर रणधीर सिंह भी बगैर दहेज अपनी बेटी की शादी के लिए राजी हो गए। रसूलपुर गांव में सादगी से संपन्न हुए हैप्पी व सिंपल के विवाह समारोह में नवदंपती को आशीर्वाद देने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी भी पहुंचे थे। वही छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र में एक विवाह समारोह में वर पक्ष ने बिना दहेज के शादी कर अनूठी मिसाल पेश की है। शक्तिपीठ गमा देवी मंदिर में बिना बैंड-बाजे और दहेज की हुई शादी की हर ओर चर्चा हो रही है।यहां दूल्हे ने बिना तामझाम के शादी की और दहेज नहीं लिया।इस शादी ने क्षेत्र के लोगों का दिल जीत लिया। 29 वर्षीय सिद्धांत और पलिया बूंचपुर निवासी हेमा ने कम खर्च में बिना दहेज के शादी करने का फैसला लिया था। दोनों की इच्छा पर परिजनों ने सहमति जताई। परिजनों के साथ शक्ति पीठ गमा देवी मंदिर पहुंचकर अग्नि व आदि शक्ति मां भगवती को साक्षी मानकर दोनों ने सात फेरे लिए। शादी में बैंड-बाजे से लेकर किसी तरह का फिजूल खर्च नहीं हुआ। पंडित बनारसी दास ने हिंदू रीति रिवाज से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विवाह संपन्न कराया। दुल्हन ही दहेज है ,इस सच्चाई को धनबाद के भूली ए ब्लॉक के रहने वाले आकाश बाल्मीकि और उसके पिता राजू बाल्मीकि ने इसे साबित कर दिखाया है। आकाश ने आदर्श विवाह कर समाज को एक बेहतर संदेश देने का काम किया है।उन्होंने शगुन में एक रुपए और नारियल लेकर यह शादी रचाई है। आकाश ने लालाराम लोहरा की बेटी मुस्कान को अपनी जीवन संगिनी के रूप में स्वीकार किया है। इस फैसले में उसके माता-पिता ने भी साथ दिया है। शादी में वधु पक्ष की ओर से 1.51 लाख का चेक और कुछ सामान दिया गया था, जिसे आकाश के पिता ने लौटा दिया है।दहेज लौटाने पर लड़की के पिता असमंजस की स्थिति में आ गए थे,उन्हें लगा कि कहीं कोई गलती हो गई है, लेकिन जब उन्हें दहेज न लेने के निर्णय की बात पता चली तो लड़की पक्ष ने न सिर्फ राहत की सांस ली, बल्कि आकाश और उसके पिता के लिए उनकी नज़र में और भी सम्मान बढ़ गया। कोयलांचल में भी एक आदर्श विवाह की चर्चा जोरों पर है।शगुन में एक रुपए और एक नारियल लेकर मुस्कान को बहू के रूप में दूल्हे ने अपनाया है। सेना में कैप्टन के पद पर तैनात राजीव और एमडी शिवानी एक रुपये में रिश्ता तय करके दाम्पत्य सूत्र में बंध गए हैं। इस शादी की हर जगह चर्चा हो रही है, वर पक्ष ने वधू पक्ष से कोई दान दहेज नहीं लिया।पलवल जिले में देवेंद्र अधाना के बेटे राजीव एमबीबीएस डॉक्टर बनने के बाद सेना में कैप्टन के पद पर कार्यरत हैं। डॉ राजीव का विवाह मास्टर ओमपाल की बेटी डॉ शिवानी के साथ संपन्न हुआ है। ओमपाल सिंह मूल रूप से फरीदाबाद के ढहकौला गांव के रहने वाले हैं, जो सरकारी स्कूल में टीचर हैं। इस बिना दहेज शादी से अन्य युवाओं को भी प्रेंरणा मिली है। (लेखक सामाजिक चिंतक व वरिष्ठ साहित्यकार है) ईएमएस / 27 नवम्बर 24