वाराणसी (ईएमएस)। रेल कर्मचारी अपने विभागीय दायित्वों का निर्वहन करने के साथ -साथ कभी कभी अपने अद्भुत कार्यों के कारण फरिस्ता के रूप में भी देखे जाते हैं। इस तरह के मानवीय उद्देश्यों की पूर्ति के लिए रेलवे प्रशासन अपने कर्मचारियों को नित नये-नये तरीकों से प्रशिक्षित कर अपने उपभोक्ताओं विशेषकर रेल यात्रियों को बेहतर से बेहतर सेवा उपलब्ध कराने के साथ-साथ अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु निरन्तर प्रयासरत है। हुआ यह कि 22 नवंबर, 2024 को (कल) जब गाड़ी सं 15708 अमृतसर-कटिहार आम्रपाली एक्सप्रेस के जनरल कोच में एक बुजुर्ग यात्री (कार्डियक अरेस्ट)हृदयाघात के कारण अचेत हुआ तो कोच में अफरातफरी मच गई । सूचना मिलने पर गाड़ी में टिकट जाँच कर रहे छपरा के उप मुख्य टिकट निरीक्षक राजीव कुमार एवं मनमोहन कुमार ने बिना देरी किए उस यात्री को(Cardio Pulmonary Resuscitation) कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन जीवन रक्षक आपातकालीन प्रक्रिया अपनाकर यात्री को होश में लाया, साथ ही छपरा स्वास्थ्य यूनिट के डॉक्टरों को तुरंत अटेन्ड करने की सूचना भी दी । लगातार CPR देने और स्वयं के मुँह से कृत्रिम श्वसन देने के प्रयासों के बाद, बुजुर्ग यात्री ने अपनी आँखें खोली और बेहतर महसूस करने लगा। आम्रपाली एक्सप्रेस के छपरा स्टेशन पर पहुंचते ही छपरा के डॉक्टरों ने अटेन्ड किया और आवश्यक दवाएं देकर उसी गाड़ी से यात्री को हाजीपुर के लिए रवाना कर दिया । उक्त दोनों उप चल टिकट निरीक्षकों को कर्मयोगी प्रशिक्षण में प्राथमिक चिकित्सा एवं कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) जीवन रक्षक आपातकालीन प्रक्रिया का कार्यसाधक ज्ञान था, इसलिए वे यात्री का जीवन बचा सके। इसके लिए यात्रियों ने रेलवे कर्मचारियों की सहायता एवं मेडिकल ज्ञान की सराहना की।उसके सहयात्रियों ने भी रेलवे कर्मचारियों को हृदय से आभार प्रकट किया । डॉ नरसिंह राम / 25 नवम्बर 24