मॉस्को (ईएमएस)। ताइवान को लेकर रूस चीन के साथ खड़ा नजर आ रहा है। रविवार को रूस ने ताइवान पर अमेरिका को जमकर कोसा है। रूस खुले तौर पर ताइवान पर चीन के प्रभुत्व का समर्थन कर रहा है। रूस का आरोप है कि अमेरिका इस छोटे से द्वीप को उकसा कर एशिया में तनाव पैदा कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि ताइवान को लेकर रूस का रुख यूक्रेन युद्ध में चीन के समर्थन के कारण है। चीन ने यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस की जमकर मदद की है। यह मदद सैन्य और आर्थिक दोनों तरीकों से है। रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने कहा कि अमेरिका एशिया में गंभीर संकट पैदा करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने ताइवान पर चीन के रुख का रूस द्वारा समर्थन किए जाने की बात दोहराई। रुडेंको ने बताया कि हम देखते हैं कि वाशिंगटन यथास्थिति बनाए रखने और हथियारों की आपूर्ति बढ़ाने के नारे के तहत ताइपे के साथ सैन्य-राजनीतिक संपर्क मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के मामलों में इस तरह के स्पष्ट अमेरिकी हस्तक्षेप का लक्ष्य पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) को भड़काना और अपने स्वार्थी हितों के अनुरूप एशिया में संकट पैदा करना है। उन्होंने कहा कि ताइवान मु्द्दे पर रूस खुलकर चीन के साथ खड़ा है। चीन लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है, लेकिन ताइवान की सरकार खारिज करती है। औपचारिक राजनयिक मान्यता की कमी के बावजूद अमेरिका ताइवान का सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समर्थक और हथियार आपूर्तिकर्ता है। रुडेंको के बयान पर टिप्पणी के अनुरोध पर अमेरिकी विदेश विभाग ने तुरंत जवाब नहीं दिया। राष्ट्रपति जो बाइ़डन ने ताइवान के लिए 567 मिलियन डॉलर के सैन्य समर्थन को मंजूरी दी। रूस ने जवाब दिया कि वह एशियाई मुद्दों पर चीन के साथ खड़ा है। बालेन्द्र/ईएमएस 24 नवंबर 2024