राष्ट्रीय
24-Nov-2024


नई दिल्ली (ईएमएस) । खुफिया विभाग की सतर्कता ने जम्मू कश्मीर को फिर से दहलाने की कोशिश को नाकाम कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, लश्करे तैयबा जम्मू-कश्मीर में बड़ी साजिश के फिराक में था। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में मौजूद लश्कर तैयबा के बड़े कमांडर्स एक बार फिर राजौरी को बनाना चाह रहे थे निशाना। हमले को लेकर खुफिया अलर्ट थी। इस खुफिया अलर्ट के मुताबिक लश्कर ए तैयबा आतंकियों का एक ग्रुप पाक अधिकृत कश्मीर के कोटली पहुंचा है। इस ग्रुप को पाकिस्तान में मौजूद लश्कर ए तैयबा का आतंकी सज्जाद हुसैन गाइड कर रहा है। ये आतंकी राजौरी और उसके आसपास के इलाकों की रेकी भी कर चुके हैं और हथियारों से लैश हैं। इस खुफिया अलर्ट में लश्कर के तैयबा एक कमांडर कतल सिंधी भी पाक अधिकृत कश्मीर में रजौरी के पास रुका हुआ है और आतंकियों को टारगेट दे रहा है। ये सभी आतंकी राजौरी में घुसकर टारगेट किलिग या बड़ा आतंकी हमला करने की फिराक में हैं। कतल सिंधी लश्कर का वही कमांडर है जो साल 2023 में राजोरी में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी था। 2023 में राजौरी आतंकी हमले में 7 से ज़्यादा लोगो की मौत हो गई थी। जिसके बाद साल 2024 में एनआईए ने लश्कर ए तैयबा के 5 आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी जिसमे 3 पाकिस्तान हैंडलर शामिल थे। एनआईए की इस चार्जशीट में सैफुल्ला उर्फ साजिद जट्ट, मोहम्मद कासिम, अबू कतल उर्फ कतल सिंधी, निसार अहमद, हाजी निसार, और मुस्ताक हुसैन उर्फ चाचा शामिल थे।जिसमे सैफुल्ला और कतल पाकिस्तान नागरिक थे। जबकि कासिम 2002 में भारत से पाकिस्तान लश्कर जॉइन करने गया था। इन्हीं तीन आतंकियों ने राजौरी हमले की प्लानिंग की थी और आतंकियों की भर्ती कर उन्हें हमले के लिए भेजा था। कतल सिंधी 2002 में भी भारत आया था और उस वक्त वो पुंछ में एक्टिव था। जिसके बाद में वो लगातार पाकिस्तान में रहकर भारत विरोधी गतिविधियों और लश्कर के सारे ऑपरेशन में एक मुख्य किरदार है। सुबोध/२४ -११- २०२४