ग्वालियर ( ईएमएस ) | प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा है कि प्रदेश सरकार आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिये कटिबद्ध है। आयुर्वेद को बढ़ाने के लिये हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री श्री परमार ने रविवार को शासकीय स्वशासी आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय ग्वालियर की साधारण सभा की बैठक में यह बात कही। बैठक में महाविद्यालय के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सभाकक्ष में आयोजित साधारण सभा की बैठक में संभागीय आयुक्त श्री मनोज खत्री, संभागीय आयुष अधिकारी डॉ. रचना बुनकर, कॉलेज के प्राचार्य श्री के एस शर्मा, भूतपूर्व छात्र प्रतिनिधि डॉ. उमेश अग्रवाल, पालक प्रतिनिधि डॉ. अनिल गुप्ता, जिला अध्यक्ष विश्व आयुर्वेद परिषद डॉ. जाहिदुर्रहमान के साथ ही शिक्षक प्रतिनिधि डॉ. उपेन्द्र कुमार एवं महाविद्यालय के प्रोफेसरगण एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि ग्वालियर के आयुर्वेद कॉलेज की स्थापना 1916 में हुई है। प्रदेश का यह बहुत पुराना और प्रतिष्ठित महाविद्यालय है। इसके विकास के लिये हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। सरकार इसके विकास के लिये कोई कसर नहीं छोड़ेगी। बैठक में महाविद्यालय में छात्रों के लिये हॉस्टल, सभागार, प्रयोगशाला निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाए, ताकि उसकी स्वीकृति हो सके। इसके साथ ही महाविद्यालय के चिकित्सालय में आने वाले मरीजों से ऑनलाइन फीस जमा कराई जाए। इसके साथ ही महाविद्यालय का एक दल देश के अन्य आयुर्वेदिक महाविद्यालयों में भेजा जाए, जहाँ उल्लेखनीय एवं नवाचार किया जा रहा है। ताकि उसका अनुशरण करते हुए ग्वालियर में भी उसका पालन हो सके। तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री परमार ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए। आयुर्वेदिक प्रणाली हमारे देश की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणाली है। इसको न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी बड़े स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई है और अनेक देश इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। बैठक में महाविद्यालय के स्वशासी शिक्षकगण, संवर्ग, प्रोफेसर, रीडर एवं व्याख्याता को समयमान वेतन देने के प्रस्ताव के संबंध में मंत्री श्री परमार ने कहा कि इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाए। पात्रता के अनुसार सभी को लाभ दिया जायेगा। नवनियुक्त आयुर्वेद चिकित्साधिकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने महाविद्यालय में आयोजित नवनियुक्त आयुर्वेद चिकित्साधिकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा कि प्रशिक्षण ले रहे सभी चिकित्सक पूरी निष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। भगवान के बाद चिकित्सक का सबसे बड़ा स्थान होता है। कोरोना काल में हमारे देश के चिकित्सकों एवं पैरामेडीकल स्टाफ ने यह सिद्ध करके दिखाया है कि संकट के समय चिकित्सक और हमारा स्टाफ मानव सेवा के लिये हर संभव कार्य कर सकता है। मंत्री श्री परमार ने प्रशिक्षण ले रहे सभी प्रशिक्षणार्थियों को कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रशिक्षण के बाद सभी चिकित्सकों को उनके निवासरत संभाग में ही पदस्थ किया जाएगा। आयुर्वेद के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो, इसके लिये प्रदेश सरकार द्वारा आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान संभागीय आयुक्त श्री मनोज खत्री, प्राचार्य श्री के एस शर्मा एवं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे चिकित्सक और प्रोफेसर उपस्थित थे। तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री परमार ने जीवाजी विश्वविद्यालय का किया निरीक्षण प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने जीवाजी विश्वविद्यालय पहुँचकर विभिन्न शाखाओं का अवलोकन किया। इस मौके पर कुलपति जीवाजी विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों से मंत्री श्री परमार को अवगत कराया। उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार 25 नवम्बर को उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा करेंगे उच्च शिक्षा मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार 25 नवंबर को प्रातः 11 बजे जीवाजी विश्वविद्यालय के सभागार में उच्च शिक्षा विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक लेंगे।