गया(ईएमएस)। इमामगंज उपचुनाव में हुई जीत के बाद जीतन राम मांझी का कुनबा बढ गया है और अब इनके परिवार में एक सांसद, 2 मंत्री और दो विधायक हैं। खुद जीतन राम मांझी केंद्रीय मंत्री, उनके बेटे संतोष कुमार सुमन बिहार सरकार में आईटी मंत्री, समधन और दीपा मांझी की मां ज्योति मांझी बाराचट्टी से विधायक और अब दीपा मांझी इमामगंज से विधायक। जीतन राम मांझी 1980 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधायक बने थे। इन्होने बिहार की बागडोर भी संभाली है और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की करारी हार के कारण नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। लेकिन एक साल के बाद ही उनसे इस्तीफा दिला दिया गया। 2018 में संतोष कुमार सुमन पहली बार एमएलसी बने और बिहार सरकार में लघु सिंचाई मंत्रालय मिला। दूसरी बार भी इन्हे एमएलसी बनने का मौका मिला और वर्तमान नीतीश कैबिनेट में आईटी मंत्री हैं। वहीं दीपा मांझी की मां और जीतन राम मांझी की समधन ज्योति मांझी दो बार की विधायक है। वर्ष 2010 में पहली बार बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनी थी जबकि दूसरी बार वर्ष 2020 में बाराचट्टी से ही विधायक बनी और अब इनकी बेटी दीपा पहली बार इमामगंज से विधायक बनकर विधानसभा पहुंची है। इससे पहले दीपा खिजरसराय से जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 2015 में ही जीतन राम मांझी ने हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्यूलर दल बनाया और एनडीए में शामिल होकर इमामगंज से चुनाव लडा। 2015 से मई 2024 तक इमामगंज से विधायक रहे और उसके बाद जून 2024 में पहली बार सांसद बने। गया से सांसद बनने के बाद इन्हें मोदी कैबिनेट में जगह भी मिल गई और एमएसएमई मंत्रालय संभाल रहे हैं। वहीं उनके पुत्र संतोष कुमार सुमन जो वर्तमान में बिहार सरकार के आईटी मंत्री हैं दो बार से एमएलसी हैं। इन्होंने पहली बार कुटुम्बा से 2015 में बीजेपी से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पडा था। वीरेन्द्र/ईएमएस 24 नवंबर 2024