राष्ट्रीय
23-Nov-2024


कोलकाता (ईएमएस)। बंगाल के राजभवन में लगी अपनी ही प्रतिमा का अनावरण करने के विवाद में बंगाल के गवर्नर ने सफाई दी है। गवर्नर कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मूर्ति का अनावरण गवर्नर ने नहीं किया था, बल्कि यह मूर्ति कलाकार और भारतीय संग्रहालय ने भेंट के रूप में दी थी। इस सफाई के बावजूद, इस घटना ने एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जहां यह सवाल उठाया जा रहा है कि कोई व्यक्ति जीवित रहते हुए अपनी मूर्ति कैसे लगा सकता है। पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस का शनिवार को दो साल का कार्यकाल पूरा हुआ। इस मौके पर राजभवन में अपनी ही मूर्ति का अनावरण करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। कई लोग इसे आत्मप्रशंसा का उदाहरण मानते हुए इसकी आलोचना कर रहे हैं। हालांकि, इस मामले पर अब राज्यपाल ऑफिस का बयान सामने आया है। गवर्नर कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मूर्ति का अनावरण गवर्नर ने नहीं किया था, बल्कि यह मूर्ति कलाकार और भारतीय संग्रहालय ने भेंट के रूप में दी थी। इसके बावजूद, इस घटना ने एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है। बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भी गवर्नर की आलोचना की है। पार्टी के प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, आज बंगाल में एक अजीब घटना हुई है, गवर्नर सी.वी. आनंद बोस ने अपनी मूर्ति का उद्घाटन किया है, जो कुछ सुर्खियां बटोरने के लिए किया गया लगता है। सवाल यह है कि अगला कदम क्या होगा? क्या वह अपनी मूर्ति पर खुद फूल चढ़ाएंगे? यह एक प्रकार की महा-अहमियत का प्रतीक है। सीपीएम केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने भी गवर्नर की आलोचना करते हुए कहा, यह अपमानजनक है। यह हमारे राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजभवन इस तरह की घटनाओं का गवाह बना है। कांग्रेस प्रवक्ता सौम्या आचार्य रॉय ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, यह बहुत शर्मनाक है। बंगाल की संस्कृति के साथ यह एक छोटा सा खेल हो रहा है। सुबोध/२३ -११- २०२४