अंतर्राष्ट्रीय
23-Nov-2024


इस्लामाबाद (ईएमएस)। पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूनख्‍वा प्रांत के पैराचिनार इलाके में श‍िया और सुन्‍नी के बीच हिंसा में अब तक 47 लोगों की मौत हो गई है। पाकिस्‍तानी सेना के दो चौकियों को जला दिया गया है। पाकिस्‍तान के झंडे को भी फाड़ दिया गया। शुक्रवार की रात को शिया मुस्लिमों ने सुन्‍नी इलाकों में भारी हथियारों के साथ हमला बोल दिया। शिया मुस्लिमों ने सुन्नियों के घरों को जला दिया और कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया। पिछले दो दिनों की हिंसा में अब तक 47 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि बीती रात ही 20 लोगों की मौत हो गई है। आलम यह है कि शिया मुस्लिमों ने पाकिस्‍तान के एक विशाल झंडे को भी उतारकर उसकी जगह पर अपना झंडा लहरा दिया। इस सांप्रदायिक हिंसा को देखते हुए पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पाकिस्‍तानी प्रशासन ने हिंसा को रोकने के लिए इलाके में मोबाइल सेवा को भी बंद कर दिया है। पैराचिनार इलाके में सभी बिजनेस और शैक्षण‍िक संस्‍थानों को बंद कर दिया गया है। यह पूरा इलाका अफगानिस्‍तान की सीमा के पास है और यहां पर पहले भी बड़े पैमाने पर शिया-सुन्‍नी हिंसा हो चुकी है। शुक्रवार को हजारों की तादाद में शिया मुस्लिम शहर की सड़कों पर उतर आए। इससे पहले करीब 200 गाड़‍ियों के काफिले के साथ शिया मुस्लिम पेशावर से पैराचिनार जा रहे थे। इस दौरान बगान कस्‍बे में सुन्‍नी हथियारबंद गुटों ने भारी हथियारों से हमला बोल दिया। प्रत्‍यक्षदर्शियों का कहना है कि चारों ओर से सुन्‍नी गुटों ने गोलियां बरसाना शुरू कर दिया जिससे बड़ी तादाद में लोग हताहत हो गए। यह पूरा हमला करीब 30 मिनट तक चला। 16 अन्‍य लोग घायल हैं जिसमें से 11 लोगों हालत गंभीर है। इस हिंसा के बाद शिया मुस्लिम गुट भड़के हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि पुलिस इस काफिले के साथ चल रही थी लेकिन सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रही। कुर्रम के डेप्‍युटी कमिश्‍नर ने मरने वालों के आंकड़े की पुष्टि की है। इस हिंसा के बाद पूरे इलाके में भारी विरोध प्रदर्शन चल रहा है। एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे इलाके में हालात बहुत ही ज्‍यादा तनावपूर्ण हैं और इसी वजह से मोबाइल सेवा को बंद कर दिया गया है। सुन्नियों के हमले में मारे गए लोगों को दफनाए जाने के बाद शिया आगबबूला हो गए और उन्‍होंने पाकिस्‍तानी सेना के दो चौकियों को फूंक दिया। कुर्रम में शिया और सुन्‍नी के बीच खूनी हिंसा का पुराना इतिहास रहा है। इससे पहले जुलाई और सितंबर महीने में भी दोनों के बीच जमकर संघर्ष हुआ था। सुबोध/२३ -११- २०२४