जिन एजेंसियों को डेटा इकट्ठा करने का अधिकार मिलेगा, उन्हें इसे गोपनीय तरीके से स्टोर करना होगा नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्र सरकार ने साइबर सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों के लिए नए नियम जारी किए हैं। इन नियमों के तहत केंद्र सरकार अपनी किसी एजेंसी के माध्यम से टेलीकॉम कंपनियों से ट्रैफिक डेटा या अन्य डेटा की मांग कर सकती है। यह डेटा संदेशों के कंटेंट के अलावा अन्य किसी फॉर्मेट में हो सकता है और इसे स्टोर और प्रोसेस करने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे की स्थापना की जा सकती है। नए नियमों के अनुसार जिन एजेंसियों को डेटा इकट्ठा करने का अधिकार मिलेगा, उन्हें इसे गोपनीय तरीके से स्टोर करना होगा। इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों को एक साइबर पॉलिसी अपनानी होगी, जिसमें सिक्योरिटी से संबंधित रिस्क मैनेजमेंट, नेटवर्क टेस्टिंग, ट्रेनिंग और रिस्क असेसमेंट जैसी प्रक्रियाएं शामिल होंगी। टेलीकॉम कंपनियों को अब चीफ टेलिकम्युनिकेशंस सिक्योरिटी ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगी। इस अधिकारी का काम सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं के दौरान तत्काल उपाय करना होगा। सुरक्षा से जुड़ी किसी भी घटना को केंद्र सरकार को 6 घंटे के भीतर रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही घटना की विस्तृत जानकारी जैसे पीड़ित यूजर्स की संख्या, स्थान और घटनाओं का असर भी 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट करना होगा। नए नियमों के तहत भारत में बने या आयात किए गए सभी फोन डिवाइस का आईएमईआई नंबर रजिस्टर करना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य फर्जी डिवाइस और अवैध गतिविधियों को रोकना है। सतीश मोरे/23नवंबर ---