राष्ट्रीय
22-Nov-2024


नई दिल्ली (ईएमएस)। आयुष मंत्रालय का देशव्यापी अभियान ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ 26 नवंबर यानी संविधान दिवस के मौके पर शुरू हो रहा है। इस अभियान की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के प्रकृति परीक्षण के साथ किया जाएगा। एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में एक करोड़ परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। आयुष मंत्रालय ने इसके लिए 4,70,000 से अधिक समर्पित स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग दी है। इस बारे में आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने कहा कि 29 अक्टूबर को पीएम मोदी ने 9वें आयुर्वेद दिवस समारोह के अवसर पर ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ की शुरुआत की थी। इस महत्वपूर्ण अभियान का उद्देश्य पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा जागरूकता में क्रांति लाना है। उन्होंने कहा कि किसी की व्यक्ति के स्वास्थ्य प्रकृति को समझना और उसके आधार पर जीवन शैली की सलाह का पालन करने से वे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रख सकते हैं। इससे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) सहित विभिन्न बीमारियों की रोकथाम में भी मदद मिल सकती है। देश का प्रकृति परीक्षण अभियान आयुर्वेद को हर घर के करीब लाता है, नागरिकों को उनकी अनूठी प्रकृति को समझने और व्यक्तिगत, निवारक स्वास्थ्य प्रथाओं को अपनाने के लिए सशक्त बनाता है। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि मंत्रालय के तहत एनसीआईएसएम, इस अभियान को हर घर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। समर्पित प्रयासों और अभिनव रणनीतियों के माध्यम से इसकी सफलता सुनिश्चित कर रहा है। एनसीआईएसएम के अध्यक्ष वैद्य जयंत देवपुजारी ने कहा कि इस अभियान के स्वयंसेवकों का उत्साह वास्तव में प्रेरणादायक है और उनका समर्पण कई गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करने में मदद करेगा। आयुर्वेद में वर्णित प्रकृति की अवधारणा भी वैज्ञानिक रूप से जीनोमिक्स के विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा किए गए दो दशकों के शोध के आधार पर सिद्ध है। यह अभियान शानदार सफलता हासिल कर भारत की स्वास्थ्य जागरूकता यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगा। डॉ. आशुतोष गुप्ता ने बताया कि इस अभियान के तहत एक करोड़ परिवारों का प्रकृति परीक्षण करने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान का पहला चरण 26 नवंबर से 25 दिसंबर तक चलेगा। इसमें 18 साल और उससे ऊपर के व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा। मंत्रालय ने इसके लिए एक एप तैयार किया है जिसके माध्यम से लोगों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी मांगी जाएगी। इस एप को किसी भी फोन पर डाउनलोड किया जा सकेगा। एप में क्यूआर कोड जारी किया जाएगा जिसको मंत्रालय के वॉलंटियर स्कैन कर लोगों को उनका प्रकृति बताएंगे। इस अभियान के साथ कई गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया जाएगा जिसमें प्रकृति प्रमाणपत्रों का सबसे बड़ा ऑनलाइन फोटो एलबम बनाना, एक स्वास्थ्य अभियान के लिए सबसे अधिक प्रतिज्ञा लेना, स्वास्थ्य अभियान संदेश साझा करने वाला सबसे बड़ा वीडियो एलबम बनाना शामिल है। सुबोध/२२ -११- २०२४