लंदन (ईएमएस)। हाल ही में साइबेरिया के इलाके में पर्माफ्रॉस्ट से 31,800 साल पुरानी कटार के समान दांतों वाली बिल्ली का बच्चा पाया गया है, जो पूरी तरह से संरक्षित था। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह खोज प्राचीन जीवों के अस्तित्व और उनके जीवन के बारे में नई जानकारी प्राप्त करने का एक अहम जरिया बन सकती है। यह बिल्ली का बच्चा, जिसे होमोथेरियम लैटिडेंस कहा जाता है, पर्माफ्रॉस्ट में इतनी अच्छी तरह से संरक्षित था कि इसका सिर, एक पैर, कंधे, पसली का पिंजरा और दूसरा पैर पूरी तरह से सही अवस्था में थे। यह शावक 2018 में पर्माफ्रॉस्ट में मिला था, लेकिन हाल ही में इसका अध्ययन किया गया। इस ममी का अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने इसकी रेडियोकार्बन डेटिंग की, जिससे यह पता चला कि यह शावक लगभग 31,800 साल पुराना है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जब यह शावक मर चुका था, उस समय इंसान लास्कॉक्स की गुफाओं में चित्रकारी कर रहे थे और यह प्रजाति पहले से ही विलुप्त हो चुकी थी। शोधकर्ताओं ने इस शावक के सिर और दांतों का गहन अध्ययन किया। इनसे यह स्पष्ट हुआ कि यह शावक होमोथेरियम लैटिडेंस प्रजाति का था, जिसे आमतौर पर स्किमिटर-टूथ बिल्ली के नाम से जाना जाता है। यह शिकारी जीव अपने छोटे लेकिन तेज़ दांतों के लिए प्रसिद्ध था, और यह लंबी दूरी तक दौड़ सकता था। इन बिल्लियों के शरीर की संरचना इस प्रकार थी कि वे दुबले-पतले होते थे, जो उन्हें तेज़ी से शिकार करने में मदद करता था। अध्ययन से यह भी पता चला कि इस बिल्ली का बच्चा अन्य शिकारी प्रजातियों से भिन्न था क्योंकि इसकी गर्दन शेर के शावक की तुलना में दोगुनी मोटी थी, जो इसे अधिक ताकतवर बनाती थी। इस शावक के अध्ययन से यह भी स्पष्ट हुआ कि यह प्रजाति प्राचीन एशिया में घूमती थी। पर्माफ्रॉस्ट में संरक्षित जीवाश्मों का अध्ययन एक नया मार्ग प्रशस्त कर सकता है, जिससे प्राचीन जीवन के बारे में और अधिक जानकारियाँ मिल सकती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रकार की खोजें प्राचीन जीवों की जीवनशैली, उनके शिकार करने के तरीके और उनके अस्तित्व के बारे में नई जानकारी प्रदान कर सकती हैं। यह खोज जीवाश्म विज्ञान में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो सकती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इस प्रकार की संरक्षित मम्मियों का अध्ययन करने से हमें न केवल प्राचीन समय की जानकारी मिलेगी, बल्कि हम विलुप्त प्रजातियों के बारे में भी और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सुदामा/ईएमएस 22 नवंबर 2024