क्षेत्रीय
21-Nov-2024
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वाराणसी (ईएमएस) । जनहित को ध्यान में रखकर, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार, केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए 1 से 30 नवंबर, 2024 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 3.0 आयोजित कर रहा है। इस अभियान में “Whole of Government” एप्रोच अपनाते हुए कई हितधारकों के सहयोग से, देशभर के 800 शहरों/जिलों में शिविर लगाए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार ने प्रयागराज जनपद में 21 नवंबर,2024 (गुरुवार) को स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया की त्रिवेणी एवं डी. आर. एम. शाखा तथा हेड पोस्ट ऑफिस, प्रयागराज, दारागंज पोस्ट ऑफिस एवं नैनी पोस्ट ऑफिस में लगाए गए शिविरों में जाकर, पेंशनभोगियों का जीवन प्रमाणपत्र जनरेट किया और उन्हें विभिन्न डिजिटल तरीकों जैसे फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक आदि के बारे में जानकारी प्रदान की। इसमें स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, यूआईडीएआई, मेटी, आकाशवाणी, दूरदर्शन/प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा डिफेंस पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों की भी सहभागिता रही। केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए और अधिक सुविधापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने के लिए, नवंबर 2021 में, डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए, फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का शुभारंभ किया गया था। फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसमें किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्ट फोन से डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा किया जा सकता है। इस तकनीक से बाह्य बायोमेट्रिक उपकरणों की आवश्यकता समाप्त हो गई है और जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया सुलभ और आसान हो गई है। इस वर्ष, बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, पेंशनभोगी कल्याण संघों, यूआईडीएआई, मेटी, रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय और दूरसंचार विभाग के सहयोग से आयोजित इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पेंशनभोगी, विशेषरूप से वयोवृद्ध तथा अशक्त पेंशनभोगी अपना जीवन प्रमाणपत्र आसानी से जमा कर सकें। देशभर के विभिन्न शहरों में कई स्थानों पर शिविर लगाए जा रहे हैं और बैंक शाखाओं में कार्मिक अपने स्मार्ट फोन से पेंशनभोगियों को डीएलसी जमा करने में सहायता कर रहे हैं। साथ ही वयोवृद्ध/दिव्यांग/बीमार पेंशनभोगियों के लिए घरों/अस्पतालों में जा कर जीवन प्रमाणपत्र डिजिटल रूप से जमा करने की सुविधा देने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। इस अभियान का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर और बैनरों द्वारा भी किया जा रहा है, तथा इसकी निगरानी विभाग द्वारा डीएलसी पोर्टल के माध्यम से की जा रही है ताकि अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। डॉ नरसिंह राम /21नवंबर2024