वाराणसी (ईएमएस)। वाराणसी में कुपोषित बच्चों की रोगरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति से हटकर आयुर्वेद का सहारा लिया जा रहा है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ० सरोज शंकर राम द्वारा अवगत कराया गया कि कुपोषित बच्चों का स्वर्णप्राशन कराने पर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में तेजी से वृद्धि होती है और वह कुपोषण से शीघ्र मुक्त हो जाते है। स्वर्णप्राशन प्रत्येक माह पुष्य नक्षत्र में ही कराया जाता है और 21 नवम्बर को पुष्य नक्षत्र का योग बना था, इसलिए पूर्व से ही तैयारी कर के स्वर्णप्राशन का आयोजन कराया गया। स्वर्णप्राशन में स्वर्ण भस्म, ब्राह्मी, घृत एवं शहद से विशेषज्ञ चिकित्सकों की देख-रेख में योग तैयार कराया जाता है। वर्तमान में वाराणसी में कुल 467 बच्चें सैम कटेगरी के हैं, जिनमें से नगरीय क्षेत्र के 189 बच्चों का स्वर्णप्राशन कराया गया। ग्रामीण क्षेत्र के शेष बच्चों का स्वर्णप्राशन 18 दिसम्बर 2024 को पुष्य नक्षत्र में कराया जायेगा। डॉ नरसिंह राम, 21 नवम्बर, 2024