एक तरफ विश्वगुरु बनने की दहलीज पर खड़े भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुयाना में सर्वोच्च सम्मान से नवाजे जा रहे हैं तो दूसरी तरफ अडानी मामले ने देश की नाक कटाने जैसा संदेश दे दिया है। इसकी जांच और हकीकत जल्द से जल्द सामने आना चाहिए, क्योंकि इस पूरे मामले में देशवासियों के विश्वास का मामला भी जुड़ता है। दरअसल भारत के मशहूर उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिका में अरबों डॉल्रर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। अमेरिका की कोर्ट ने इस मामले में अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया है, जिसे लेकर विपक्ष पीएम मोदी पर सीधे हमलावर है। इस मामले में गौतम अडानी और सात अन्य लोगों पर अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी को लेकर अमेरिका की कोर्ट में सुनवाई हुई है। खास बात यह है कि मामला जैसे ही उजागर हुआ अडानी समूह ने अमेरिका में 600 मिलियन डॉलर का बॉन्ड रद्द कर दिया। इस मामले का असर भारत के शेयर बाजार में गुरुवार को देखने को मिला, जबकि मार्केट में भारी गिरावट दर्ज की गई। यही नहीं अमेरिकी अदालत की तरफ से रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने भी अडानी समूह की कंपनियों से सफाई मांगी है। इससे पहले अडानी मामले को लेकर जारी की गई एक रिपोर्ट में बताया गया कि अभियोजकों ने बुधवार को आरोपों की घोषणा की। इसके मुताबिक अडानी समूह ने सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी थी। अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग में दर्ज मामले के अनुसार, गौतम अडानी पर कथित रूप से अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है। अभियोग में कहा गया है कि अडानी और अन्य ने करीब 265 मिलियन डॉलर भारतीय रुपये में करीब 2237 करोड़ की रिश्वत दी। उन्हें उम्मीद थी कि कॉन्ट्रैक्ट मिलने से दो दशक में करीब 2 बिलियन डॉलर यानी करीब 16882 करोड़ रुपये का मुनाफा मिल जाएगा। अब इस मामले को लेकर देश में राजनीति गरमा गई है। विपक्ष ने तो अडानी के बहाने प्रधानमंत्री मोदी पर ही सीधे निशाना साधना शुरु कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि जब इस मामले की जांच शुरु हुई तो इसे रोकने की साजिश भी रची गई। कांग्रेस का कहना है कि यह अजीब बात है कि कांग्रेस लगातार अडानी और इससे जुड़े घपलों की जांच की बात कह रही है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी पूरी ताकत से अडानी को बचाने में लगे हुए हैं। इसकी वजह भी साफ है कि अडानी की जांच होगी तो हर कड़ी पीएम मोदी से जुड़ती हुई दिखाई देगी। इस मामले में सबसे बड़ा हमला कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने यह कहते हुए किया है कि देश में मुख्यमंत्री को तो जेल भेजा जा रहा है, लेकिन अडानी का कुछ नहीं हो रहा है। क्योंकि ये बिजनेसमैन पीएम मोदी का पूरा समर्थन करते हैं। इसलिए पीएम मोदी भी लगातार इन्हें बचा रहे हैं। इसी के साथ राहुल गांधी ने मांग करते हुए कहा है कि अडानी को गिरफ्तार किया जाए, लेकिन वो जानते हैं कि उन्हें अरेस्ट नहीं किया जाएगा। इसी के साथ पीएम मोदी को अडानी के कंट्रोल में होने जैसा गंभीर आरोप भी लगाया और कहा कि इस मुद्दे को वो संसद में उठाएंगे। इसी के साथ जिस भी राज्य सरकारों का अडानी ग्रुप के साथ समझौता हुआ है, उसकी जांच भी होनी चाहिए। राहुल गांधी ने इस मामले में जेपीसी से जांच कराए जाने की भी मांग की है। बहरहाल राहुल गांधी यह भी कहते हैं कि अडानी के भ्रष्टाचार की बात हम नहीं कर रहे, बल्कि ये अमेरिकी एजेंसी ने अपनी जांच में बातें कही हैं। अब जो भी दोषी पाया जाता है, उसे सजा मिलनी ही चाहिए। देश और दुनिया के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी मामले ने सत्ता पक्ष को बिचलित करने जैसा काम कर दिया है, वहीं विपक्ष को मानों संजीवनी मिल गई है। कांग्रेस नेता तो सीधे अडानी के खिलाफ जारी वारंट का जिक्र कर पीएम मोदी को घेरने में लगे हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि पहले से ही केंद्र सरकार और अडानी में गहरी सांठगांठ के आरोप लगते रहे हैं, जिसका समय रहते माकूल जवाब भी नहीं दिया गया। अब कांग्रेस के हमलों पर बीजेपी ने भी पलटवार करना शुरु कर दिया है। बीजेपी नेताओं का इस मामले में कहना है कि आरोप लगाने से पहले पढ़ लेना चाहिए। अनावश्यक उत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है। यह तो सभी जानते हैं कि अब ऐसे समय में जबकि अमेरिका से लेकर भारत तक अडानी मामले ने राजनीति को मथ कर रख दिया है, कोई क्योंकर इसका बारीकी से अध्ययन करने की जेहमत करेगा। यह भी सभी मान रहे हैं कि अडानी समूह के साथ सरकारों ने जो दोस्ताना व्यवहार किया वह उद्योगजगत के अन्य टिमटिमाते सितारों के साथ तो कतई नहीं किया गया है। अब सभी को इस मामले की सच्चाई सामने आने का इंतजार है, जिसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। तब तक अडानी की गरदन पर कार्रवाई की तलवार लटकती रहेगी और हमारी सरकार को दागदार कह घेरने का जिम्मा विपक्ष बदस्तूर निभाता रहेगा। .../ 21 नवम्बर/2024