महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव अब अपने मुकाम पर पहुंच गया है। मतदान की घडिय़ां नजदीक आ गई है। महाराष्ट्र के इस बार के चुनाव में सबसे रोचक मुकाबला पवार परिवार के बीच ही हो रहा है। इस मुकाबले पर सबकी नजरें भी लगी हैं। इस बार पवार परिवार के राजनीतिक पावर का भी फैसला होने जा रहा है। महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में शरद पवार हर चुनाव में केंद्रीय और निर्णायक भूमिका में रहते हैं और उनका उनकी चुनावी रणनीति भी बेजोड़ मानी जाती है। लेकिन जिस तरह देश के एक और बड़े राजनीतिक परिवार जिसे गांधी परिवार के नाम से जाना जाता है इस परिवार में उस समय विभाजन हो गया जब प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की बहू मेनका गांधी ने अपनी सास के विरुद्ध बगावत कर दी। बाद में मेनका गांधी भाजपा में शामिल भी हो गईं। गांधी परिवार के वारिसों के बीच टकराव बना ही रहा है। देश का एक और चर्चित राजनीतिक परिवार है जो वरिष्ठ नेता शरद पवार का परिवार है। शरद पवार के खिलाफ उन्हीं के भतीजे अजीत पवार ने बगावत कर दी और वे अपने चाचा के विरोध में सीधे सामने खड़े हो गए। लोक लोकसभा चुनाव के ठीक पहले शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस के दो धड़े हो गए। जिसमें एक धड़े का नेतृत्व शरद पवार और दूसरे धड़े का नेतृत्व उनके भतीजे अजित पवार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के समय पवार परिवार का टकराव खुलकर सामने आ गया जब शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के विरुद्ध अजीत पवार ने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतार दिया । शरद पवार ने अपने भतीजे को धूल चटा दी और उनकी बेटी लोकसभा का चुनाव जीत गई। एक बार फिर विधानसभा के चुनाव में पवार परिवार के बीच सीधे-सीधे टकराव हो रहा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के में बारामती सीट इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में है। इस सीट पर शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के बीच सीधा चुनावी मुकाबला हो रहा है। पवार परिवार के बीच राजनीतिक विवादित इस सीमा तक बढ़ गया है कि अब शरद पवार ने पहली बार अपनी पत्नी प्रतिभा पवार को भी अपने पोते युगेंद्र पवार के लिए चुनावी मैदान में उतार दिया है, जो इस परिवार के लिए एक ऐतिहासिक पल है। क्योंकि यह पहली बार है जब शरद पवार की पत्नी किसी चुनावी अभियान का हिस्सा बनी हैं। बारामती में शरद पवार और अजीत पवार के बीच सत्ता की जंग काफी गहरी हो गई है। अजीत पवार और युगेंद्र पवार, जो उनके सगे भतीजे हैं, एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। यह मुकाबला पवार परिवार के पावर और प्रतिष्ठा के लिए अहम है। शरद पवार खुद चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं और उनकी पत्नी प्रतिभा पवार ने भी युगेंद्र पवार के लिए घर-घर जाकर प्रचार करना शुरू कर दिया है। इस चुनावी माहौल में शरद पवार ने अजीत पवार को खुली चुनौती दी है। जब अजीत पवार ने नामांकन पत्र दाखिल किया तब शरद पवार गुट के उम्मीदवार युगेंद्र पवार ने भी अपनी उम्मीदवारी दाखिल की। इस बार शरद पवार खुद युगेंद्र पवार के साथ नामांकन पत्र भरवाने मौजूद रहे। चुनाव प्रचार के इस दौर में शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार ने भी सक्रिय भूमिका निभाई है। यह पहली बार है जब शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार ने किसी उम्मीदवार के लिए प्रचार किया और यह उनकी उपस्थिति चर्चा का विषय बन हुई है। एनसीपी में फूट के बाद उनकी सक्रियता ने राजनीति में हलचल मचा दी है। अजीत पवार ने अपनी चाची प्रतिभा पवार की मौजूदगी पर सवाल उठाया है और कहा कि वह पिछले 40 सालों से घर-घर प्रचार नहीं करती थीं, लेकिन अब क्यों घर-घर जाकर प्रचार कर रही हैं। अजीत पवार चाची से पूछा रहे हैं कि क्या आप मुझे हरवाओगी? यह बयान पवार परिवार के भीतर के रिश्तों और आंतरिक टकराव को उजागर करता है। बारामती विधानसभा क्षेत्र में चाचा-भतीजे के बीच इस कांटे की लड़ाई पर सभी की नजरें टिकी हैं, और चुनाव परिणाम इस परिवार के भविष्य को निर्धारित करेंगे। पूरे विधानसभा चुनाव के चुनावी नतीजे यह भी साबित करेंगे कि महाराष्ट्र की राजनीति में चाचा और भतीजे में से कौन पवार परिवार का पावर बनता है और किसका धड़ा असली चेहरा साबित होता है। ईएमएस / 21 नवम्बर 24