नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) नेता और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की स्थिति इस बार चुनौतीपूर्ण हो सकती है। चुनाव के मद्देनजर कुछ बड़े नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया है, जिनमें प्रमुख नाम कुमार विश्वास, कपिल मिश्रा और आशुतोष जैसे नेता शामिल हैं। इसके अलावा, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे प्रमुख नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों से केजरीवाल की छवि को नुकसान हो सकता है। अभी कुछ दिन पहले ही आप पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत और राज कुमार चौहान ने भी पार्टी दी है, जबकि स्वाति मालीवाल के साथ केजरीवाल का विवाद तूल पकड़ सकता है। स्वाति ने केजरीवाल से कई बार सुलह करने के संकेत दिए, लेकिन केजरीवाल ने इसमें हस्तक्षेप किया। इस कारण से पार्टी के अंदर असंतोष बढ़ सकता है। पार्टी में आतिशी को अस्थायी सीएम बनाने का फैसला भी विपक्ष के लिए एक मुद्दा बन सकता है। हालांकि केजरीवाल ने इसे मास्टरस्ट्रोक माना था, लेकिन पार्टी के अंदर ही इसके असर को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस चुनावी दौर में केजरीवाल ने सभी 70 सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए खुद को प्रमुख चेहरा बनाने का फैसला किया है। यह रणनीति बीजेपी द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे को प्रमुख बनाकर किए गए प्रयोग जैसा हो सकता है, जो बीजेपी के लिए सफल रहा है, लेकिन आप पार्टी के लिए यह उतना कारगर साबित नहीं हो सकता। इन तमाम आंतरिक और बाहरी चुनौतियों के बीच केजरीवाल के लिए आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना आसान नहीं दिखता है। सिराज/ईएमएस 21 नवंबर 2024