रियाद (ईएमएस)। सऊदी अरब में पुरातत्वविदों ने एक 4 हजार साल पुराने शहर की खोज की है। इस शहर से पुरातत्वविदों को आधुनिक सभ्यता के संकेत मिले हैं। यह शहर अभी तक दुनिया से छिपा हुआ था। सऊदी अरब दुनियाभर के मुस्लिमों के लिए पवित्र देश है। पुरातत्वविदों द्वारा खोजे गए किलेबंदी वाले शहर को अल-नताह कहा जाता था और यहां पर कम से कम 500 लोग रहते थे। ये सभी एक समय में घुमंतू लोग थे, लेकिन उन्होंने 2400 ईसा पूर्व में कम से कम 50 कई मंजिल वाली इमारत का निर्माण किया था। यह पूरा इलाका 269,000 वर्ग फुट में फैला हुआ था। यह शहर सऊदी अरब के खैबर नखलिस्तान के पास में स्थित रेगिस्तान में था। इससे पहले इस इलाके को एक बंजर क्षेत्र माना जाता था जहां मकबरा बने हुए हैं और घुमंतू रहते हैं। सऊदी अरब में पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म 570 ईस्वी में हुआ था और तभी से इस्लाम का इतिहास माना जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक इस सभ्यता को इसलिए आधुनिक कहा जा रहा है क्योंकि उन्होंने विशाल मकबरा बनाया था जहां पर उन्होंने अपने अवशेष और धातुओं से बने हथियार रखे थे। इन हथियारों में कुल्हाड़ी और भाला शामिल था। अल नताह शहर आवासीय, निर्णय लेने वाला जोन, कब्रिस्तान के इलाके में बंटा हुआ था। यह छोटी-छोटी गलियों और लंबे व्यापार रास्ते से जुड़ा हुआ था। हाल में हुए खोज से पता चला है कि यह अल नताह शहर एक भेदभावरहित समाज था। इस समाज में किसी के साथ भी लिंग, नस्ल, वर्ग या पैसे के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता था। काटलहोयुक था दुनिया का सबसे पुराना शहर दुनिया में इंसानों के इतिहास में सबसे प्राचीन शहर तुर्की में बसाया गया काटलहोयुक था जो 7400 ईसा पूर्व से 5200 ईसा पूर्व के बीच बसाया गया था। इस शहर में करीब 10 हजार लोग रहते थे। पेरिस स्थित द फ्रेंच नैशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च ने बताया कि अल नताह शहर लंबे समय तक काली ज्वालामुखी की चट्टानों के नीचे दबा रहा जिससे यह अवैध तरीके से खुदाई करने वाले लोगों से बचा रहा। अल नताह को शुरू में 15 साल पहले तलाश किया गया था, उस समय शोधकर्ताओं ने सैटलाइट की तस्वीरों के आधार पर रास्तों और घरों की नींव का खुलासा किया था। शहर में थे 55 से लेकर करीब 70 घर अल नताह के 3डी नक्शे से पता चला कि 55 से लेकर करीब 70 घर बने हुए हैं। इस ढांचे को देखकर लग रहा है कि ये इमारतें दो या तीन मंजिल बनी हुई थीं। माना जा रहा है कि कुछ हिस्सों का इस्तेमाल सामान रखने के लिए किया गया था। इस शहर में मिले हथियारों से पता चलता है कि यहां के लोग आधुनिक धातुओं के इस्तेमाल से परिचित थे। इन हथियारों और शहर के चारों ओर किलेबंदी वाली विशाल दीवार से संकेत मिलता है कि यहां लोग खुद को संभावित हमलों से बचाने के लिए कई तरीके विकसित कर चुके थे। यह शहर 1500 ईसापूर्व से 1300 ईसापूर्व के बीच बीमारी या जलवायु परिवर्तन की वजह से खाली हो गया था और इसके कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। बालेन्द्र/ईएमएस 21 नवंबर 2024