लंदन (ईएमएस)। हाल ही में इबेरिया के कांस्य युग के खजाने से एक रहस्यमय तत्व सामने आया, जब पुरातत्वविदों ने पाया कि उस खजाने में एक गहना ऐसा था, जिसका धातु पृथ्वी से बाहर का था। यह खोज खजाने को और भी अधिक बेशकीमती बनाती है। यह खजाना 1963 में स्पेन के एलिकांटे में खोजा गया था और इसे कांस्य युग की स्वर्णकारी का महत्वपूर्ण उदाहरण माना जाता है। इस खजाने में कई सोने की वस्तुएं और गहनों के अलावा एक फीका सा कंगन और खोखला जंग लगा आधा गोला भी पाया गया था। देखने में ये साधारण लग सकते थे, लेकिन जब इन पर अध्ययन किया गया, तो वैज्ञानिकों ने पाया कि इनका निर्माण पृथ्वी के अंदर के किसी खनिज से नहीं, बल्कि उल्कापिंडों से हुआ था जो अंतरिक्ष से धरती पर गिरे थे। यह अध्ययन स्पेन के राष्ट्रीय पुरातत्व संग्रहालय के अब रिटायर हो चुके संरक्षण प्रमुख, साल्वाडोर रोविरा-लोरेन्स के नेतृत्व में किया गया। इस अध्ययन में यह पाया गया कि 3,000 साल पहले इबेरिया में धातुकर्म की तकनीकें हमारी सोच से कहीं अधिक उन्नत थीं। शोधकर्ताओं ने इन कलाकृतियों में मौजूद लोहे की जांच की और पाया कि ये लोहे की धातु उल्कापिंडों से आई थी, जो पृथ्वी के लोहे से अलग और अधिक मूल्यवान होती हैं। विलेना का खजाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें लोहे की मौजूदगी के कारण इसे और भी अधिक रहस्यमय बना दिया गया है। पुराने समय में, लौह युग लगभग 850 ईसा पूर्व शुरू हुआ था, जब पिघला हुआ लोहा कांस्य की जगह लेने लगा था। लेकिन इस खजाने में पाए गए लोहा और उसकी संरचना ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया, क्योंकि वह लोहे की धातु उस समय पृथ्वी पर उपलब्ध नहीं थी। इस खोज से यह स्पष्ट होता है कि उल्कापिंडों से आने वाली धातु ने प्राचीन सभ्यताओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। सबसे प्रसिद्ध उदाहरण फिरौन तूतनखामुन का उल्कापिंड लोहे का खंजर है। विलेना के खजाने से मिले इन धातु के टुकड़ों ने इस रहस्य को सुलझाया कि कांस्य युग में ऐसी धातु कैसे इस्तेमाल की जा रही थी। सुदामा/ईएमएस 20 नवंबर 2024