वाराणसी (ईएमएस}। भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र और बी एच यू के कुलाधिपति न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय का आज प्रयागराज में रसूलाबाद घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। वह विगत कई माह से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका इलाज प्रयागराज में एक निजी नर्सिंग होम में चल रहा था।वह 88 वर्ष के थे। उन्होंने अपने संस्मरण में बताया था कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय उनका घर है।वह अपने दादा पंडित मदन मोहन मालवीय के साथ काफी समय तक बाल्यावस्था में बी एच यू परिसर में बिताए थे। उन्होंने बताया था कि उनके दादा मदन मोहन मालवीय प्रकृति प्रेमी थे और वृक्षों से बड़ा लगाव था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2014 में वाराणसी से पहली बार चुनाव लड़े थे, उसमें प्रस्तावक के रूप में पंडित गिरधर मालवी का भी नाम था। वह आखिरी बार बीएचयू में 3 फरवरी, 2024 को आए थे। उस समय वह बतौर पूर्व छात्र के रूप में विधि संकाय के शताब्दी समारोह समारोह में शिरकत किये थे। संकाय की तरफ से उन्हें प्रोफेसर आनंद जी स्मृति शताब्दी सम्मान दिया गया था। बी एच यू में यही उनका आखिरी बार आगमन था। न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय अंतिम समय तक गंगा की निर्मलता के प्रति चिंतित रहे। निधन से एक दिन पूर्व 17 नवंबर को जब उन्हें गंगा की निर्मलता के लिए चलाए गए 332 वें अभियान की रिपोर्ट सुनाई गई तो, उन्होंने कहा कि यह अभियान तब तक चलना चाहिए, जब तक कि गंगाजल आचमन योग्य न हो जाय। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था कि मुझे कोई बीमारी नहीं है, यह जिर्णावस्था है, इसका अंतिम इलाज मृत्यु ही है। जस्टिस मालवीय के निधन से समूचा बी एच यू परिवार मर्माहत है। गिरधर मालवीय के निधन की खबर पाकर बी एच यू के कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन नें प्रयागराज जाकर उनके पार्थिव शरीर का दर्शन किया और कहा कि जस्टिस मालवीय के निधन से उनकी व्यक्तिगत एवं अपूरणीय क्षति हुई है। वह विश्वविद्यालय एवं इसके संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के बीच की एक जीवित कड़ी थे। कुलाधिपति के रूप में अपने कर्तव्यों का सम्यक निर्वाह करते हुए उन्होंने सदैव इसका कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन किया था। डॉ नरसिंह राम/19/11/2024