-निजी स्कूल के प्रिसिंपल और पत्नि को कई घंटो तक बंधक बनाकर रखा - पीड़ित के नाम पर भेजे गये पार्सल में टाईगर की खाल, नाखून, एटीएम कार्ड, 18 पासपोर्ट होने का डर दिखाया - ठगोरो ने खुद को डीएचएल और दिल्ली सायबर सेल का अधिकारी बताया - असली पुलिस को दिया दम हो तो पकड़ कर दिखाने का चैलेंज भोपाल(ईएमएस)। राजधानी में एक बार फिर सायबर जालसाजो द्वारा डिजिटल अरेस्ट कर ठगी किये जाने की कोशिश का मामला सामने आया है। इस बाद ठगो ने कोहेफिजा में रहने वाले निजी स्कूल के प्राचार्य और उनकी पत्नी को पहले पार्सल कंपनी डीएचएल और फिर दिल्ली सायबर सेल का अधिकारी बनकर धमकाते हुए कई घंटो तक बंधक बनाकर रखा। जालसाजो की करतूत के बीच ही फरियादी प्राचार्य को अपने साथ ठगी का अहसास हुआ और वह अपना मोबाइल बंद कर सायबर सेल के ऑफिस जा पहुंचे। शिकायत सुनने के बाद सायबर पुलिस टीम ने सुराग जुटाने के लिये फरियादी से मोबाइल के जरिए एक बार फिर ठगों से कनेक्शन जोड़ा। इस बार नकली अधिकारी और असली पुलिस टीम का आमना-सामना हो गया। असली पुलिस को देख कर भी बैखौफ ठग न तो डरे और न ही किसी तरह घबराये बल्कि उन्होनें असली पुलिस को चैलेजं करते हुए दम है तो पकड़कर दिखाने की बात कह दी। पूरे मामने में मिली जानकारी के अनुसार कोहेफिजा में स्थित हाउसिंग बोर्ड कालोनी में रहने वाले फरुख अंजुम खॉन निजी स्कूल के संचालक व प्राचार्य है। सायबर सेल को दी गई लिखित शिकायत में उन्होनें बताया कि शनिवार की दोपहर उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया था। कॉल रिसीव करने पर दूसरी और से बातचीत करने वाले व्यक्ति ने कहा कि वह इंटरनेशनल कुरियर कंपनी डीएचएल से बात कर रहा है। और दिल्ली से बैकांक जाने वाला उनका एक पार्सल कस्टम में फंस गया है। इसके लिये उन्हें कुछ जानकारी साफ करनी होगी इसके बाद ही उनका पॉर्सल आगे भेजा जा सकेगा। उसकी बात सुनकर फरुख ने कहा कि उन्होनें मैंने कोई पार्सल बैकांक के लिये नहीं भेजा है। उनके जवाब पर बात करने वाले व्यक्ति ने कहा इस पार्सल में पार्सल में टाईगर की खाल, नाखून, 8 एटीएम कार्ड, 18 पासपोर्ट और काफी कपड़े हैं। इस पॉर्सल पर आपका आधार कार्ड लगा है, जिसके चलते ही उसने उनसे संपर्क किया है। ठग की बात सुनकर फरुख परेशान हो गए। उनकी परेशानी भांपते हुए शातिर ठग ने उनसे कहा कि अगर यह पॉर्सल आपका नहीं है, और आपके साथ कुछ गलत हुआ है तो आपको दिल्ली सायबर सेल में शिकायत करनी होगी। इससे पहले फरियादी कुछ समझ पाते जालसाज ने उनसे कहा कि वह उनका कॉल दिल्ली सायबर सेल से कनेक्ट कर दिया है। इस सेल के नकली अधिकारियों ने फरियादी से सीआईडी के नाम से आईडी देते हुए स्काइप ऐप लोड करवाने के बाद स्क्रीन पर बात करनी शुरु की। अधिकारियो ने उनसे ऑनलाइन आधार कार्ड लेने के बाद उसे वेरीफाई करने की बात कही। थोड़ी देर बाद नकली अधिकारियो ने कहा कि उनके नाम पर अलग-अलग राज्यों में कई एकांउट ओपन हुए हैं, और इन खातो से करीब डेढ़ मिलियन रुपए की मनी लांड्रिग हुई है। फर्जी अफसरो ने उनसे कहा कि आपके खिलाफ वारंट जारी करना होगा, जिसकी जॉच महीनो तक चलेगी। ठगो ने उनसे उनके बैंक एकांउट सहित अन्य जानकारी देने को कहा। इसी बीच फरुख की पत्नि भी वहॉ आ पहुंची थी, जालसाजो ने उनकी जानकारी लेते हुए कहा कि वह आगे की जॉच शुरु कर रहे है, जॉच के दौरान वह और उनकी पत्नी उनके कमरे में ही उनके सर्विलांस में रहेगें और कमरे से निकलकर कहीं भी बाहर नहीं जायेगें और न ही अब मोबाइल व लैपटॉप को टच करेंगे और कैमरा ऑन रहेगा। इस बीच फारुख ने समझदारी दिखाते हुए ठगो को अपने बैंक खातों की गलत जानकारी दी। जिससे ठग बैंक खातों से रुपये नहीं निकाल पाए। कई घंटो तक टॉर्चर करने के बाद रात हो जाने पर नकली अधिकारियो ने उनसे कहा कि वह घर की लाइट बंद कर सो जायें लेकिन वह स्क्रीन ऑफ नहीं करेंगे। जालसाजो के टॉर्चर से थोड़ी राहत मिलने पर सोने चले गये। रात करीब ढाई बजे वह बाथरुम जाने लगे तब ही ठगो का फोन आ गया और पूछने लगे की वह कहॉ जा रहे है। उनके लगातार नजर रखे जाने पर फरियादी ने सोचा की वह असली पुलिस है। लेकिन कुछ अटपटा लगने पर अगले दिन सुबह वह दराज में रखा पत्नि का मोबाइल छिपाकर वॉशरुम में ले गए। वहॉ उन्होनें पत्नी के मोबाइल में छानबीन करते हुए डिजीटल अरेस्ट की खबर पढ़ी। तब उन्हें अहसास हुआ की वह सायबर ठगो के डिजिटल अरेस्ट के जाल में फंस गए हैं। वह बाथरुम से बाहर आये और तुरंत ही अपना मोबाइल, इंटरनेट बंद कर भोपाल सायबर सेल ऑफिस पहुंच गए। फरुख की शिकायत सुनने के बाद सायबर टीम ने ठगो का सुराग जुटाने के लिये उनसे कहा गया कि वह मोबाइल, लैपटॉप के जरिए फिर से ठगों से कनेक्ट हो। उनके कहने पर फरुख ठगो से रिकनेक्ट हुए तब ठगों ने डपटने वाले अदांज में कहा कि उन्होनें अपने गैजैट्स बंद क्यो किए और अपनी प्रेजेंट लोकेशन दिखाने के लिये कैमरे को घुमाने को कहा। फरुख के कैमरा घुमाने पर सायबर सेल भोपाल की टीम नजर आई। असली पुलिस को देखने के बाद भी बैखौफ जालसाज डरे नहीं, जब असली पुलिस ने उनसे बातचीत करते हुए कहा कि उनकी बात अब असली पुलिस से हो रही है। इस पर ठगो ने अनाप-शनाप बातें करते हुए असली पुलिस को दम हो तो पकड़ कर दिखाने की बात कहते हुए कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि शिकायती आवेदन की जॉच के आधार पर एफआईआर दर्ज की जा रही है। -10 दिनो में डिजिअल अरेस्ट का तीसरा मामला गौरतलब है कि राजधानी भोपल में बीते 10 दिनों में सायबर ठगो द्वारा डिजिटल अरेस्ट किये जाने का यह तीसरा मामला है। हालांकि तीनो प्रकरणो में ही ठग किसी भी व्यक्ति से रकम नहीं ऐंठ सके। इससे पहले 9 नवंबर को अरेरा कालोनी निवासी दुबई के कारोबारी विवेक ओबेराय को ठगों ने छह घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ो की रकम ऐंठने का प्रयास किया था। मंगलवार को बजिरया निवासी टेलीकाम इंजीनियर प्रमोद के परिवार को भी 6 घंटो तक डिजिटल अरेस्ट कर लाखो रुपये मांगे थे, लेकिन उनके बॉस के घर पहुंचने पर इसकी जानकारी सायबर क्राइम टीम को लगी और टीम ने मौके पर पहुंचकर उन्हें समझाईश देते हुए ठगो के जाल से मुक्त कराया था। जुनेद / 18 नवबंर