- बटेंगे तो पॉकेट कटेंगे और भाजपा वाले हटेंगे तो दाम घटेंगे ! मुंबई, (ईएमएस)। भारतीय जनता पार्टी सरकार के कार्यकाल में महंगाई अपने चरम पर है। खाद्यतेल सहित अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं। लहसुन 500 रुपये प्रति किलो और प्याज 100 रुपये प्रति किलो हो गया है। आवश्यक वस्तुओं की कीमत बढ़ने से आम और मध्यमवर्गीय परिवारों का रसोई बजट चरमरा गया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने हमला बोलते हुए कहा है कि मोदी सरकार इस महंगाई के माध्यम से हर मराठी परिवार की जेब से 90,000 रुपये प्रति वर्ष लूट रही है और ध्यान भटकाने के लिए बटेंगे तो कटेंगे और वोट जिहाद जैसे नारे लगा रही है। भाजपा के पास जनता इन बुनियादी सवालों का कोई जवाब नहीं है। गुरुवार को मुंबई के तिलक भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पवन खेड़ा ने बीजेपी सरकार का पंचनामा किया। उन्होंने आगे कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी के सड़क छाप नेता भी तमाम मुद्दों पर भाषण देते हैं। लेकिन जनता के मुद्दों पर एक शब्द नहीं बोलते हैं। यह बीजेपी के प्रचार की दिशा है। प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड में प्रचार के दौरान कहा कि देश में घुसपैठ हुई है , लेकिन देश में 11 साल से मोदी सरकार है, तो ये घुसपैठ कैसे हुई? इसका जवाब उन्हें खुद देना चाहिए! महाराष्ट्र के चुनाव अभियान में भी बीजेपी बटेंगे तो कटेंगे, एक हैं तो सेफ हैं और वोट जिहाद का नारा लगा रही है। बीजेपी भले ही लोगों को मूर्ख समझे लेकिन महाराष्ट्र के लोग समझदार हैं और बीजेपी की इस चाल को अच्छी तरह से समझते हैं। बीजेपी एक तरफ हर मराठी परिवार की जेब से 90 हजार रुपये लूट रही है और महिलाओं को 1500 रुपये देने का दंभ भर रही ।पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी और बीजेपी को 90 हजार रुपये की लूट का हिसाब देना चाहिए। महाविकास आघाडी को अपनी पांच सूत्री गारंटी को लागू करने के लिए साल में 5 लाख करोड़ की जरुरत होगी। इस सवाल का जवाब देते हुए पवन खेड़ा ने कहा लोगों के कल्याण से जुडी योजनाओं के लिए पैसा कहां से आएगा , इसका जवाब दो दिन पहले हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सुख्खू ने दिया था। जब यूपीए सरकार ने मनरेगा योजना शुरू की थी तब भी बीजेपी नेता अरुण जेटली और सुषमा स्वराज ने यही सवाल पूछा था, लेकिन यूपीए सरकार ने मनरेगा योजना को सफल बना कर लागू किया। अगर महाराष्ट्र में माविया की सरकार गिराने के लिए एक विधायक को 50 खोके देने के लिए पैसे हैं तो जनता को पैसे देने में क्या दिक्कत है?