रियाद (ईएमएस)। सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 का निओम प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण हिस्सा है। हाल ही में उनके सपने को एक और बड़ा झटका लगा है। सऊदी सरकार ने इस प्रोजेक्ट के सीईओ नदमी अल-नस्र को हटा दिया है। कर्मचारियों के साथ अपमानजनक और अनैतिक व्यवहार के आरोपों ने 2 ट्रिलियन डॉलर की परियोजना पर जांच तेज कर दी है। यह सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था और वैश्विक छवि बदलने के प्रयास में एक व्यापक चुनौती को दिखाती है। सउदी सरकार ने जिस अधिकारी को हटाया है उसने कर्मचारियों को रेत में गाड़ देने की धमकी दी थी। अल नस्र 2018 निओम प्रोजेक्ट संभाल रहे हैं। उन्होंने कथित तौर पर कर्मचारी को धमकी दी थी कि वे उस कर्मचारी को रेगिस्तान में दफन कर देंगे। निओम ने उनके हटने पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें बर्खास्त किया गया है। इसका कारण प्रोजेक्ट की स्पीड भी माना जा रहा है। इस प्रमुख परियोजना का आकार पहले ही छोटा हो चुका है। लेकिन इस प्रोजेक्ट को बनाने में नैतिकता की कमी सबसे गंभीर सवाल उठाती है। आंकड़ों के मुताबिक विजन 2030 परियोजना शुरू होने के बाद से सिर्फ 8 वर्षों में कथित तौर पर 21000 से ज्यादा श्रमिक मारे गए हैं। भुगतान न देना, ज्यादा घंटों तक काम कराना और मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। कर्मचारियों ने फंसे हुए गुलामों और भिखारियों की तरह महसूस करने की शिकायत की है। अल नस्र ने अक्सर कार्यकर्ताओं या प्रेस की ओर से किसी भी शिकायत का समाधान करने के इंकार किया है। प्रोजेक्ट से जुड़े कई लोग कथित तौर पर हैरान थे कि अल-नस्र इतने लंबे समय तक टिकने में कामयाब कैसे रहे। कई लोगों को उनके जाने की उम्मीद पहले से थी, क्योंकि प्रोजेक्ट में लगातार देरी हो रही थी। अब उनकी जगह ऐमेन अल-मुदैफर ने ली है जो पहले सऊदी पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड में रियल एस्टेट का नेतृत्व करते थे। निओम के नेतृत्व को उम्मीद है कि उनके आने से परियोजना तेज होगी। आशीष दुबे / 14 नवंबर 2024