क्षेत्रीय
13-Nov-2024
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0 एडहॉक कॉलेज के व्याख्याता की रिट अपील खारिज की बिलासपुर (ईएमएस)। हाईकोर्ट ने एक मामले में आदेश दिया है कि अधिक योग्य लोग अगर हों तो कॉलेजों में पुराने अतिथि व्याख्याता हटाकर उनकी नियुक्ति की जा सकती है। सिंगल बेंच के फैसले को सही ठहराते हुए डिवीजन बेंच ने अतिथि व्याख्याता की अपील खारिज कर दी। व्याख्याता ने सरकार की उस नीति को चुनौती दी थी जिसके तहत अस्थायी अतिथि व्याख्याताओं की जगह उच्च योग्यता वाले नए उम्मीदवार रखे जा सकते हैं। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि राज्य शासन के नीतिगत निर्णयों में न्यायालयों को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। डिवीजन बेंच ने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत भर्ती के लिए बनाई गई नीति बेहतर ही होगी। योग्य लेक्चरर्स आएंगे तो पढ़ाई की स्थिति सुधरेगी। महाविद्यालयीन स्टूडेंट्स को गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिलेगी। यूजीसी के मापदंडों के अनुसार बनाई गई पालिसी से योग्य लेक्चरर्स मिलेंगे। कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में योग्य और सक्षम संकाय की नियुक्ति के पक्ष में बनाई नीतियों को लागू करने के राज्य के अधिकार को बरकरार रखा। यह है मामला अपीलकर्ता गायत्री शर्मा रायपुर के शासकीय डॉ. राधाबाई नवीन गल्र्स कॉलेज में राजनीति विज्ञान की अतिथि व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैं। राज्य शासन ने अतिथि व्याख्याताओं के पद पर नई नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने सिंगल बेंच से याचिका खारिज होने के बाद डिवीजन बेंच में रिट अपील प्रस्तुत की। उन्होंने याचिका में उनके स्थान पर किसी अन्य को नियुक्त न करने की मांग करते हुए दावा किया कि सरकार की हालिया अतिथि व्याख्याता नीति ने मौजूदा न्यायिक आदेश का उल्लंघन किया है। 3 सितंबर 2024 को सिंगल बेंच के आदेश को रद्द करने के साथ ही शासकीय नवीन गल्र्स कालेज रायपुर के प्राचार्य द्वारा 15 जुलाई 2024 को गेस्ट लेक्चरर्स के लिए जारी विज्ञापन को भी उन्होंने निरस्त करने की मांग की थी। पूर्व के फैसले का किया उल्लेख याचिकाकर्ता ने इसी तरह के एक मामले में हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए फैसले का भी उल्लेख अपनी रिट अपील में किया। याचिकाकर्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 24 मार्च 2022 को दीपा गोस्वामी व अन्य के मामले में फैसला दिया है कि पूर्व से कार्यरत गेस्ट लेक्चसर्स को हटाकर किसी अन्य उम्मीदवार को नियुक्त नहीं किया जाएगा। याचिकाकर्ता ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी कालेज ने नई भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। यूजीसी के मापदंडों के अनुसार नई नीति को कोर्ट ने उचित माना राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने बताया कि गेस्ट लेक्चरर्स की नियुक्ति एक शैक्षणिक सत्र के लिए की जाती है। शैक्षणिक सत्र पूर्ण होने के बाद हर वर्ष नियुक्ति के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी किया जाता है। राज्य सरकार की नई नीति यूजीसी के मापदंडों व दिशा निर्देशों के अनुसार है। इससे योग्य गेस्ट लेक्चरर्स मिलेंगे। शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी। कालेजों में अकादमिक माहौल भी बनेगा। कोर्ट ने पाया कि यूजीसी मानकों का पालन करने वाली 2024 की नीति उचित थी और उच्च शिक्षा में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के राज्य के उद्देश्य के अनुरूप थी। मनोज राज/योगेश विश्वकर्मा 13 नवंबर 2024

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