13-Nov-2024
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कमजोर दृष्टि वाले सात लाख रुपए खर्च कर बिना चश्मे के दूर तक देख सकेंगे लंदन (ईएमएस)। कमजोर दृष्टि वाले लोगों के लिए आईवतार तकनीक वरदान साबित हो रही है। इस तकनीक से सात लाख रुपए खर्च कर आप बिना चश्मे के दूर तक स्पष्ट देख सकेंगे। रे-ट्रेसिंग गाइडेड लेजर सर्जरी की मदद से यह तकनीक लोगों को केवल सामान्य दृष्टि ही नहीं, बल्कि नाइट विजन में भी सुधार हो रहा है। इससे पहले की पारंपरिक सर्जरी में यह लाभ नहीं मिल पाता था। आईवतार तकनीक में रोगी की आंखों का 3डी डिजिटल मॉडल तैयार किया जाता है, जिसे आईवतार कहा जाता है। इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य रोगियों को सुपर-विजन मिले ताकि वे बिना चश्मे के हर चीज को साफ-साफ देख सकें। यह एक वर्चुअल ब्लूप्रिंट की तरह है जो आंख की संरचना और उसकी विशेषताओं का बेहद विस्तृत विवरण देता है। इस क्लोन का उपयोग सटीक सर्जरी के लिए किया जाता है और यह सर्जरी की सटीकता को बढ़ाने में सहायता करता है। इस सर्जरी का नेतृत्व करने वाले डॉ. डेविड एलाम्बी बताते हैं कि इसमें साइटमैप स्कैनर डिवाइस का उपयोग करके आंख का आईवतार बनाया जाता है। इसमें 3डी इमेजिंग तकनीक का उपयोग कर कॉर्निया और लेंस के आकार, मोटाई और अन्य विशेषताओं को सटीक रूप से कैप्चर किया जाता है। सर्जरी में होता है लेजर किरणों का उपयोग आईवतार सर्जरी में लेजर किरणों का उपयोग होता है, जो आंख के कॉर्निया और लेंस के माध्यम से गुजरते हुए सीधे रेटिना पर फोकस करती हैं। इस कस्टमाइज्ड उपचार में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि सभी किरणें सही ढंग से रेटिना पर फोकस हों ताकि दृष्टि की गुणवत्ता सर्वोत्तम हो। यह तकनीक निकट दृष्टि दोष, कॉर्निया की पतली संरचना और उम्र के साथ आंखों में होने वाले बदलावों के लिए भी प्रभावी मानी गई है। आईवतार तकनीक की मदद से सर्जरी के बाद नाइट विजन में भी सुधार देखा गया है। इससे पहले पारंपरिक लेजर सर्जरी में नाइट विजन सुधार का लाभ नहीं मिल पाता था। दोनों आंखों की सर्जरी के लिए आईवतार तकनीक का खर्च करीब 7 लाख रुपये आता है। यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में उपलब्ध है आईवतार यह अत्याधुनिक तकनीक यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में ही उपलब्ध है और यह निकट दृष्टि दोष से पीड़ित लोगों के लिए एक नया विकल्प बनकर उभरी है। डॉ. एलाम्बी के अनुसार, यह तकनीक मरीजों को उनके दृष्टि में आने वाले संभावित बदलावों को ध्यान में रखते हुए कस्टमाइज्ड उपचार उपलब्ध कराती है, जिससे आने वाले वर्षों में भी बेहतर दृष्टि को बनाए रखा जा सकेगा। बालेन्द्र/ईएमएस 13 नवंबर 2024