आज देश पर राज कर रही भारतीय जनता पार्टी के अधिकांश छोटे-बड़े नेता सत्ता के झूले पर प्रसन्न मुद्रा में झूल रहे हैं, वही कुछ वरिष्ठ नेता ऐसे भी है, जिन्हें मौजूदा स्थिति की काफी चिंता है, इन नेताओं में से केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नितिन गड़करी ने तो अपनी वेदना सार्वजनिक रूप से व्यक्त भी कर दी, उनका स्पष्ट कहना था कि भारतीय जनता पार्टी की फसल अब जैसे-जैसे बड़ी होती जा रही है, उसमें कीड़े लगने की भी चिंता बनती जा रही है, सत्तारूढ़ दल से जुड़े ऐसे स्पष्टवादी नेता आज बहुत कम है, सत्तारूढ़ दल के कभी अध्यक्ष रह चुके गड़करी जी की गिनती आज भी मुखर राजनेताओं में होती है, उनकी स्पष्ट राय है कि ‘‘इस फसल पर लगे कीड़ों को नष्ट करने के लिए असरकारक कीटनाशक छिड़कने की बहुत तीव्र आवश्यक्ता है, वर्ना ये कीड़ें पूरी फसल को ही नष्ट कर देगें।’’ फसल बचाने के लिए यह त्वरित कदम जरूरी है। यहां यह उल्लेखनीय है कि इन दिनों देश पर राज कर रही भारतीय जनता पार्टी में दल बदलकर आने वाले दागी नेताओं कार्यकर्ताओं का भीषण दौर जारी है और भाजपा के वरिष्ठ नेता बिना किसी की भी विगत जाने पार्टी में सभी को प्रवेश दे रहे है, इसी व्यवस्था को इंगित करते हुए श्री गड़करी ने यह चेतावनी पूर्ण बयान जारी किया है, उनका स्पष्ट कथन है कि जैसे-जैसे पार्टी का विस्तार हो रहा है, कुछ समस्याएं भी पैदा हो रही है, ऐसे दौर में पार्टी को अपनी स्वच्छता बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। उन्होंने अपने इस कथन को स्पष्टतः उदाहरण के साथ समझाते हुए कहा कि पार्टी को कीटनाशक छिड़कने की जरूरत समझना चाहिए, क्योंकि जब फसल बढ़ती है तो बीमारियां भी बढ़ती है, बीजेपी की फसल बहुत बड़ी हो गई है, जिसमें अच्छे अनाज के साथ कुछ बीमारियां भी गा गई है, इसलिए अब कीटनाशक का उपयोग जरूरी हो गया है। उन्होंने नए सदस्यों के ‘पार्टी प्रशिक्षण’ पर भी जो दिया उनका कहना था कि भाजपा का मुख्य आधार चूंकि पार्टी का कार्यकर्ता ही है, इसलिए इस आधार को मजबूर रखने के लिए उसे ठोस बनाकर रखना बेहद जरूरी है, उनका यह भी कहना था कि पार्टी में प्रवेशकर्ताओं की राजनीतिक विगत जानना भी बेहद जरूरी है और उनकी निष्ठा ओर सियासी चाहत को परखना भी जरूरी है। उन्हें पार्टी में प्रवेश के साथ ही पार्टी का पूरा ज्ञान कराना तथा जरूरी प्रशिक्षण पर भी गड़करी जी ने विशेष जोर दिया। अब भाजपा के वरिष्ठतम नेता नितिन गड़करी जी के ये बयान चाहे महाराष्ट्रª विधानसभा चुनाव के संदर्भ में आए हो, किंतु मौजूदा राजनीतिक माहौल में इस खरी सीख का हर जगह अपना महत्व है, देश में भाजपा अपना सदस्यता अभियान चला रही है और सदस्यता की स्पद्र्धा में ऐसे लोगों को भी सदस्यता दी जा रही है, जिनकी राजनीतिक विगत परखी नही गई है, ये अवसरवादी नेता पार्टी में प्रवेश के बाद अपना कौनसा स्वरूप स्पष्ट करेगंे, यह भी संदिग्ध ही है, इसी प्रक्रिया पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष गड़करी जी ने चेतावनी भरी सीख जाहिर की है और प्रतीक स्वरूप कृषि कर्म की विसंगतियों का उदाहरण पेश किया है, अब पूर्व अध्यक्ष इस चेतावनी भरे बयान को पार्टी कितनी गंभीरता से लेती है, यह तो भविष्य के गर्भ में है, किंतु यहां यह महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक दलों में अब ऐसी आत्मधाती चेतावनी देने वाले नेता रहे ही कितने गए है? और आज के स्पद्र्धात्मक राजनीतिक दौर में ऐसी चेतावनियों को कितने लोग गंभीरता से स्वीकार करते है? अब वरिष्ठत नेता की इस चेतावनी को कोई किसी भी रूप में ले, किंतु आज के माहौल में ऐसी चेतावनी के लिए गड़करी जी बधाई के पात्र तो है ही? .../ 12 नवम्बर/2024