वाराणसी (ईएमएस)। पुस्तकें जीवन जीने की कला सिखाती हैं तथा ज्ञानार्जन का यह एक सर्वोत्तम माध्यम हैं ।पुस्तकों ने ही तमाम लोगों को महापुरुष बनाया है।यह विचार सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, वाराणसी के उपनिदेशक डॉ सुरेंद्र पाल ने मोतीलाल मानव उत्थान समिति, वाराणसी द्वारा 11नवंबर, 2024 को आयोजित 29 वां पुस्तक मेले के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किया। डॉक्टर पाल ने कहा की पुस्तकें हमारे जीवन की अमूल्य धरोहर हैं। यह पुस्तक मेला ज्ञान देने और ज्ञान बांटने का मेला है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग, बीएचयू के प्रोफेसर डॉ बाला लखेद्र ने कहा कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने समाज को जागृत करने के लिए पहले शिक्षित होने का आवाहन किया था। उन्होंने कहा की पुस्तकें ही जीवन में बदलाव ला सकती हैं। मोबाइल तथा टीवी बच्चों के जीवन को बिगाड़ रहे हैं।बच्चों को इनसे दूर रखने की जरूरत है।डॉ बाला ने कहा कि हम सभी को चाहिए कि किसी शादी -विवाह या जन्मदिन पर किसी को उपहार के रूप में पुस्तक दें ।उन्होंने कहा कि गांधी जी को सत्य बोलने की चेतना पुस्तकों से ही प्राप्त हुआ था। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, वाराणसी के सहायक निदेशक डॉ लाल जी ने कहा की पुस्तकें आपसी संवाद का बहुत बड़ा माध्यम है। यह सूचना संप्रेषण की सशक्त माध्यम हैं । संस्था के सचिव एस एस कुशवाहा ने कहा कि हमारे 29 वर्ष के भगीरथ प्रयास का यह प्रतिफल रहा है कि, हमने समाज के मलिन बस्ती तथा दलित -दमित समाज को जागरूक करने का कार्य किया है। कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने कहा कि कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में, जो सर्व विद्या की राजधानी है, वहां पर दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय होने की जरूरत है। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम संचालन मिथिलेश कुशवाहा तथा धन्यवाद ज्ञापन अवधेश कुशवाहा ने किया।कार्यक्रम में आज हिंदी दैनिक के संपादक डॉक्टर दयानंद, नरसिंह राम, शालिनी,कृषिका वर्मा, दर्शना तथा गौरव कुशवाहा ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम में पी आई बी कें पूर्व निदेशक सूर्यकांत त्रिपाठी सहित स्थानीय पत्रकार एवं सम्मानित नागरिक गण उपस्थित थे। डॉ नरसिंह राम/11/11/2024