खालिस्तानियों को लेकर ट्रूडो के बदले सुर ओटावा (ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनते ही कनाडा के पीएम ट्रूडो के तेवर ढीले पड़ गए हैं। कल तक जिन ट्रूडो को कनाडा में रह रहे हिंदुओं पर अत्याचार नजर नहीं आ रहे थे। वही जस्टिन ट्रूडो आज खालिस्तानियों के खिलाफ बोल रहे हैं। खालिस्तानियों को लेकर ट्रूडो ने ऐसा कुछ कह दिया कि अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस के खालिस्तानी समर्थक गुरवतपंत सिंह पन्नू की नींद उड़ गई है। अब सवाल ये है कि आखिर अचानक ट्रूडो को क्या हुआ और उनके तेवर नरम क्यों पड़ने लगे हैं। इसकी बड़ी वजह अमेरिका है। वही अमेरिका जिसे कनाडा अपना बड़ा भाई मानता है। ट्रूडो जानते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कितने अच्छे दोस्त हैं। ट्रंप के चुनाव जीतते ही उन्हें सबसे पहले बधाई देने वाले मोदी ही थे। वहीं ट्रंप ने कहा था कि पूरी दुनिया पीएम मोदी को प्यार करती है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की भी जमकर तारीफ की थी। ट्रंप ने कहा कि भारत के शानदार देश है और पीएम मोदी एक शानदार व्यक्ति हैं। इसकी एक वजह और भी है। चुनाव कैंपेन के दौरान डोनाल्ड ट्रंप बांग्लादेश में हिंदओं के साथ हो रही हिंसा का मुद्दा उठा चुके हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि वहां पूरी तरह अराजकता की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में ट्रूडो ये कभी नहीं चाहेंगे कि वो ट्रंप का टारगेट बनें। एलन मस्क ने ट्रूडो की विदाई की बात कही इन सब के अलावा ट्रंप के सबसे करीबी दोस्त ने ट्रूडो को लेकर एक भविष्यवाणी भी की जिससे ट्रूडो बेहद डरे हुए हैं। एलन मस्क ने उस यूजर को रिप्लाई देते हुए लिखा कि ट्रूडो अगले इलेक्शन में जाने वाले हैं। मस्क के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा की जा रही है। आपको बता दें कि कनाडा में इसी साल चुनाव होने वाले हैं। साल 2015 से कनाडा के प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले ट्रूडो के सामने मुश्किले बड़ी है। हर सर्वे में वो पिछड़ रहे हैं। पार्टी के अंदर ही फूट है। बालेन्द्र/ईएमएस 9 नवंबर 2024