दो-तिहाई वोटर्स चाहते हैं जल्द हो चुनाव बर्लिन (ईएमएस)। डोनाल्ड ट्रम्प के संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीतने के साथ ही यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी में राजनीतिक संकट गहराया गया है। राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अंदरूनी कलह के चलते स्कोल्ज का तीन पक्षीय गठबंधन टूट गया और जर्मनी की गठबंधन सरकार अल्पमत में आ गई। सोशल डेमोक्रेट्स, ग्रीन्स और फ्री डेमोक्रैट्स के गठबंधन के बीच विवाद तब और बढ़ गया, जब चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने वित्त मंत्री क्रिस्टियान लिंडनर को बर्खास्त कर दिया। उनके इस फैसले से बाकी उदारवादी नाराज हो गए और कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। सर्वे में कहा गया है कि चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के सत्तारूढ़ गठबंधन के पतन के बाद लगभग दो-तिहाई जर्मन मतदाता जल्द से जल्द चुनाव चाहते हैं। चांसलर ने कहा कि अगले वर्ष की शुरुआत तक अल्पमत सरकार में उनकी सोशल डेमोक्रेट्स और ग्रीन पार्टी शामिल रहेगी। विपक्ष ने की अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग हालांकि संसद में सबसे बड़े विपक्षी गुट के नेता क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स के फ्रेडरिक मर्ज ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान और चुनाव कराने का आह्वान किया है। शोल्ज ने इस बात पर जोर दिया कि वह 15 जनवरी से पहले विश्वास मत नहीं कराना चाहते। अगले चुनाव की संभावित तारीख के बारे में चांसलर कार्यालय में मर्ज और शोल्ज की बैठक एक घंटे से भी कम समय में समाप्त हो गई तथा मर्ज वार्ता पर कोई टिप्पणी किए बिना ही चले गए। राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर ने बर्खास्त वित्त मंत्री लिंडनर और फ्री डेमोक्रेट्स पार्टी के दो अन्य मंत्रियों अनुसंधान मंत्री बेट्टीना स्टार्क-वाटजिंगर और न्याय मंत्री मार्को बुशमैन को पद से हटाए जाने की जानकारी दी। 21 दिनों के भीतर संसद को भंग कर सकते हैं राष्ट्रपति शोल्ज की सरकार के पास अब संसद में बहुमत नहीं है, इसलिए वह संभवतः विश्वासमत हार जाएंगे। उस स्थिति में जर्मनी के राष्ट्रपति 21 दिनों के भीतर संसद को भंग कर सकते हैं और जनवरी में ही चुनाव करवा सकते हैं। बालेन्द्र/ईएमएस 9 नवंबर 2024