राज्य
09-Nov-2024
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काँग्रेस ने उठाया सरकार के दावे पर सवाल चंडीगढ़ (ईएमएस)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया है कि प्रदेश में किसी भी खाद की कोई कमी नहीं है और सरकार ने फसल खरीद के बाद 72 घंटों के अंदर- अंदर किसानों के खातों में पैसा पहुंचाने का काम किया है। सैनी ने जारी एक बयान में कहा कि 27 सितंबर से धान की खरीद एमएसपी पर शुरू कर दी गई थी। कुछ मंडियों में धान की जल्दी आवक होने से एक सप्ताह पहले खरीद शुरू करने का फैसला हुआ। उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने किसानों को मोबाइल एप से डिजिटल गेट पास बनाया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान धान के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 4,84,927 किसान पंजीकृत हुए हैं तथा इस बार धान खरीद के लिए 60 लाख मीट्रिक टन की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 50,46,872.45 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है, जिसकी एवज में किसानों को 11,296 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान हुआ है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हरियाणा सरकार की नीति की वजह से पड़ोसी राज्यों के किसान भी हरियाणा में फसल बेचने के इच्छुक हैं। आढ़तियों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने आढ़तिया कमीशन 46 रुपये प्रति क्विंटल को बढ़ाकर 55 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है , जिसमे से 9 रूपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सी.एम.आर. डिलीवरी के लिए सभी राईस मिलर्स को 31 अगस्त, 2024 तक 62.58 करोड़ रुपये का बोनस भी दिया गया है। विपक्ष के खाद की कमी के आरोप को नकारते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में खाद का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और लगभग 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं और 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की फसल के लिए आवश्यकतानुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। पिछले वर्ष 1 अक्तूबर से 9 नवंबर तक डीएपी की खपत 1,46,152 मीट्रिक टन थी इस बार 9 नवंबर, 2024 तक 1,54,540 मीट्रिक टन की खपत हुई है। तथा भारत सरकार ने हरियाणा को नवंबर माह के लिए 1,10,200 मीट्रिक टन डीएपी आवंटित किया है। मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि आज के दिन DAP का स्टॉक 23118 MT विभिन्न जिलों में उपलब्ध है और अगले दो से तीन दिनों के भीतर राज्य को विभिन्न जिलों में 9,172 मीट्रिक टन और डीएपी प्राप्त होगी। इसके अलावा, राज्य में सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) का 71,281 मीट्रिक टन और एनपीके का 24,343 मीट्रिक टन का स्टॉक अब भी उपलब्ध है। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वो किसी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान ना दे। दूसरी तरफ काँग्रेस के नेता सरकार के दावे पर सवाल उठा रहे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा है कि एक ओर किसान डीएपी खाद के लिए आत्महत्या कर रहा है तो दूसरी ओर सीएम नायब सैनी दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में डीएपी खाद की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को सेटेलाइट से पता चल जाता है कि कौन कहां पर पराली जला रहा है तो सरकार को खाद के लिए लगी लंबी लंबी कतारें दिखाई नहीं दे रही है? उन्होंने कहा कि अगर खाद है तो किसानों को मिल क्यों नहीं रही है, कौन डीएपी का बैग ब्लैक में बेच रहा है? यह प्रदेश का दुर्भाग्य है कि उकलाना में एक किसान ने खाद न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि अगर कोई किसान खाद, बीज, कीटनाशक के लिए आत्महत्या करता है तो सरकार के लिए इससे बड़ी कोई शर्म की बात नहीं हो सकती, किसान खाद के लिए चीख रहा है और शासन प्रशासन एक ही बात कहता है कि खाद की कोई कमी नहीं है अगर कमी नहीं है तो किसान को खाद मिल क्यों नहीं रही है, क्यों परेशान होकर किसान आत्महत्या कर रहा है? किसानों के प्रति सरकार को अपनी सोच और नीति को बदलना होगा, किसान देश का अन्नदाता है, उसके मान सम्मान और उसके जरूरतों का ध्यान रखना होगा। सांसद कुमारी सैलजा उकलाना मंडी क्षेत्र के गांव भीखेवाला में आत्महत्या करने वाले किसान राम भगत के घर पर शोक व्यक्त करने पहुंची। उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि खाद के लिए किसान आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे है इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना होगा क्योंकि किसान की जिंदगी से बढ़कर कुछ भी नहीं है। सरकार को ऐसा करना चाहिए कि किसान राम भगत की तरह कोई आत्मघाती कदम न उठाए। उन्होंने कहा कि खाद्य विक्रेताओं के गोदामों व स्टॉक की जांच होनी चाहिए, साथ ही अगर कोई खाद विक्रेता डीएपी या यूरिया का स्टॉक रखता है और किसानों को खाद देने से मना करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जग मोहन ठाकन, 09 नवम्बर, 2024