वैज्ञानिक सोच में नवाचार हेतु विज्ञान संचार आज की आवश्यकता है जो विज्ञान से संबंधित विषयों के बारे में तकनीकी जानकारी को सार्वजनिक उपभोग के लिए समझने योग्य विज्ञान लेख, शोध पत्र और प्रश्न मंच को वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों और आम जनों में वितरित करने की प्रक्रिया है। यह वैज्ञानिकों और आम जनता के बीच की खाई को पाटने से संबंधित क्षेत्र है, और संचार का एक बहुआयामी रूप है जो विज्ञान के कठिन विषयों यथा भौतिक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, पर्यावरण विज्ञान और अधिक जैसे वैज्ञानिक क्षेत्रों तक फैला हुआ है।इसलिए विज्ञान पत्रिका को यह देखना चाहिए क़ोई गलत न्यूज़ ना जा पाए इसमें व्याकरण का उतना महत्व ना भी हो तो क़ोई बात नहीं है लेकिन विज्ञान का समाचार फोर्नुला, टेबल या अन्य सामग्री रोचक बनाने में गलत ना हो और भ्रम न फैले जैसे भूत, प्रेत, जादू टोना दूसरे गह में एलियन आदि जो प्रायोगिक रूप से सिद्ध ही नहीं हुआ वो किस लॉजिक से दिया जा रहा है विज्ञान पत्रिका का उद्देश्य सुपरहिट नहीं, सुपरफिट जो वैज्ञानिक सिद्धांत के साथ साथ प्रयोगो पर भी आधारित हो वैज्ञानिक का परिचय भी आवश्यक होता है ताकि वैज्ञानिक ने कैसे खोज की आधार क्या था उसमें कुछ ऐसे भी लेख हो जो ख़ासकर शोध पर भी आधारित हो जो युवाओ के करियर पर भी सही दिशा दिखाती हो जो उस फील्ड के एक्सपर्ट ही लिखें तो ज्यादा अच्छा हो हिंदी पत्रिका तो काफी निकल रही है लेकिन क़ोई अच्छा भी लिखता हो तो संपादक से सम्बन्ध ठीक नहीं रहता तो उसे छापना तो दूर पढ़ना भी पसन्द नहीं करते हैं पत्रिका में विज्ञान के हर फील्ड से कुछ ना कुछ सामग्री अवश्य हो और वेद विज्ञान भी जरुरी है जो आपके संस्कार को अच्छा बनाती है अब आज की तारीख में क़ोई रूचि नहीं ले रहा है बहुत सी पत्रिका बन्द या सिमित मात्रा में प्रकाशित कर रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है ऐसे में वैज्ञानिक पत्रिका निरंतर वैज्ञानिक लेखों और उससे सम्बंधित समाचार क्विज आदि का सफल प्रकाशन कर विज्ञान का हिंदी में प्रचार प्रसार कर रही है अभी हाल ही में 56(3) जुलाई सितम्बर 24 का एक बेहतरीन अंक प्रकाशित की है जो परिषद के लिए अति उत्तम और उसके ऑब्जेक्टिव को हासिल करने में सफल प्रयास कर रही है लेख जितना अच्छा संपादन होता उतना ही पाठकों को विज्ञान में रूचि पैदा होती है और जब कोई गुणवत्ता पूर्ण लेख अपनी पत्रिका में छापता है तो क़ोई अपने को बहुत बड़ा विज्ञान लेखक मानते हुए लेख को निकाले लाने पर क्रोधी हो जाता है लेकिन अपने लेख के बारे में नहीं देखता है विज्ञान लेखन स्वतंत्र है और विज्ञान की जानकारी प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है ऐसे में हिंदी विज्ञान साहित्य परिषद मुंबई के द्वारा वैज्ञानिक पत्रिका बिना किसी भेदभाव के अच्छे विज्ञान के लेख प्रकाशित करती है जिसके संपादक जाने माने विज्ञान संचारक श्री राजेश कुमार मिश्र हैं जो पत्रिका को गुणवत्ता पूर्ण बना रहें हैं बधाई के पात्र हैं।वैज्ञानिक के वर्तमान मुख्य संपादक श्री राजेश कुमार मिश्र जो जागृति समिति, अनुशक्तिनगर के उपाध्यक्ष है निरंतर प्रयासरत है जो निश्चित रूप से हिंदी में विज्ञान संचार का अमूल्य कार्य कर रहें हैं वैज्ञानिक’ द्वारा पाठकों में हिन्दी में वैज्ञानिक जागरूकता पैदा की जाती है जिसमें विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों को समझाया जाता है ताकि लेख के स्तर पर पाठक अपने ज्ञान व क्षमता में वृद्धि कर सके इस , संपादकीय बोर्ड के सदस्य सर्वश्री, राजेश कुमार, केके वर्मा, डॉ संजय कुमार पाठक व वैज्ञानिक के व्यवस्थापक ,सर्वश्री श्री नवीन त्रिपाठी, बी।एन। मिश्र,अनिल अहिरवार, प्रकाश कश्यप, बधाई के पात्र हैं। अतः हिंदी में विज्ञान का संचार आज की आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए सभी हिंदी विज्ञान की पत्रिका के अधिकारी बधाई के पात्र है जो अंधेरा में अंधविश्वास को दूर कर विज्ञान के सिद्धांत पर आधारित कार्यों का सही विवरण व शोध लेख के माध्यम से प्रदान करते हैं। वैज्ञानिक संचार में स्नातक डिग्री और मास्टर डिग्री व्यक्तियों को विज्ञान पत्रकारिता, पर्यावरण संचार, सार्वजनिक स्वास्थ्य, विज्ञान नीति और वैज्ञानिक अनुसंधान प्रकाशन प्रबंधन सहित अन्य क्षेत्रों में करियर के लिए तैयार करती है।विज्ञान संचार पेशेवर विज्ञान और संबंधित विषयों के बारे में सम्मोहक और जानकारीपूर्ण सामग्री तैयार करने के लिए रणनीतिक संचार और कहानी कहने के सिद्धांतों के साथ-साथ जटिल वैज्ञानिक विषयों की अपनी समझ का लाभ उठाते हैं।आज नवाचार हेतु विज्ञान और उद्योग ज्ञान और व्यावहारिक संचार कौशल का यह संयोजन विज्ञान प्रसारण , जनसंपर्क विशेषज्ञों, पर्यावरण वक्ताओं और तकनीकी लेखकों को वैज्ञानिक अनुसंधान और खोजों के बारे में जनता की समझ को आगे बढ़ाने को प्रोत्साहित करता है। भारत का तकनीकी परिदृश्य पारंपरिक रूप से सॉफ्टवेयर और उपभोक्ता इंटरनेट पर केंद्रित रहा है। हालाँकि जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य सेवा जैसी वैश्विक चुनौतियों के समाधान की बढ़ती आवश्यकता ने उसे ‘डीप टेक’ की ओर आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया है। ये अत्याधुनिक स्टार्ट-अप अभूतपूर्व समाधान के सृजन के लिये वैज्ञानिक खोज और इंजीनियरिंग नवाचार का लाभ उठा रहे हैं। ईएमएस / 09 नवम्बर 24