- 10 से ज्यादा गोवंश पालने वालों को मिलेगा अनुदान - पशुधन के प्रति कर्तव्यों की याद दिलाता है गोवर्धन पूजा पर्व - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की विधि-विधानपूर्वक गोवर्धन पूजा भोपाल (ईएमएस)। प्रदेश की मोहन सरकार गोवर्धन पूजा का पर्व पूरे उल्लास के साथ मना रही है। इस पर्व के मौके पर शनिवार को राजधानी के रवींद्र भवन में राज्यस्तरीय गोवर्धन पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव शामिल हुए। सीएम ने रवींद्र भवन परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधि-विधान पूर्वक भगवान गोवर्धन की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, किसानों को तो क्रेडिट कार्ड मिलता ही है, लेकिन अब गोवंश पालने वालों को भी क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा, ताकि वे गोवंश के पालन के लिए रुपयों का इंतजाम कर सकें। 10 से ज्यादा गोवंश पालने वालों को विशेष अनुदान दिया जाएगा। नगर निगम क्षेत्र में 5 से 10 हजार गोवंश के पालन के लिए जो भी खर्च आएगा, उसका प्रबंध राज्य सरकार करेगी। सीएम डॉ. यादव ने कहा, सरकार ने गोवंश के अवैध परिवहन और तस्करी के मामले में 7 साल की सजा का प्रावधान कर रखा है। सरकार ने यह भी तय किया है कि आने वाले समय में गोवंश का पालन करने और दुग्ध उत्पादन करने वालों को बोनस दिया जाएगा। इसके लिए गुजरात के अमूल संस्थान की गतिविधियों का परीक्षण कराया है। सरकार ने नेशनल डेयरी बोर्ड के साथ प्रदेश के सभी 51 हजार गांव में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर फोकस किया है, ताकि दुग्ध उत्पादन का प्रतिशत 9 से बढक़र 20 प्रतिशत तक पहुंचाया जा सके। अभी प्रदेश में एक करोड़ 39 लाख पशुधन हैं, जिसे और बढ़ाने पर सरकार काम कर रही है। गोवर्धन पूजा से शुरू होती है किसानों की दिवाली इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के मंच से अपने संबोधन में कहा कि गोवर्धन पूजा हमारी संस्कृति का प्रतीक है। हमारे किसानों की दीपावली तो गोवर्धन पूजा से ही प्रारंभ होती है। फसलों का उत्पादन करने के लिए तो किसानों को क्रेडिट कार्ड मिलता ही है, लेकिन अब गोवंश पालने वालों को भी क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा, ताकि वह गोवंश के पालन के लिए धन का इंतजाम कर सकें। उन्होंने कहा कि 10 से ज्यादा गोवंश पालने वालों को विशेष अनुदान दिया जाएगा। हमने फैसला किया है कि नगर निगम क्षेत्र में 5 हजार से 10000 गोवंश के पालन के लिए जो भी खर्च आएगा, उसका प्रबंधन राज्य सरकार करेगी। हर गांव में बनेंगी दुग्ध सहकारी समितियां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वर्तमान में मध्यप्रदेश के 11 हजार गांवों में दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से दुग्ध का उत्पादन बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। आने वाले वर्षों में प्रदेश के सभी 51 हजार गांवों में दुग्ध सहकारी समितियां बनाई जाएगी। गुजरात में अमूल डेयरी दुग्ध उत्पादकों को बोनस देती है, उसी तर्ज पर मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन पर बोनस दिया जाएगा। गाय के बिना मानवता की कल्पना नहीं की जा सकती, इसलिए 10 से अधिक गायों को पालने पर सरकार अनुदान देगी। गोवंश देश व प्रदेश की जनता की आर्थिक सशक्तिकरण का प्रमुख माध्यम है। गाय के बिना मानवता की कल्पना करना संभव नहीं है। गाय अब कई देशों में पाली जाती हैं। गाय मानवता का संरक्षण भी करती हैं। देश और प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करने में गायों का बहुत बड़ा योगदान है।