अक्टूबर में निफ्टी में रही साढ़ चार साल की सबसे बड़ी गिरावट मुंबई (ईएमएस)। कंपनियों की तिमाही परिणाम उम्मीद के अनुरूप न आने की आशंका के बीच निवेशकों के बीच चिंता बढ़ गई है। विदेशी निवेशकों की निकासी के बीच नवंबर में भी बाजार की तेजी पर सवाल उठने लगे हैं। यह बात शेयर बाजार विशेषज्ञों ने मासिक समीक्षा के दौरान कही है। विशेषज्ञों ने कहा कि अक्टूबर में शेयर बाजार में दोनों सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट रही है। निफ्टी में तो अक्टूबर में साढ़े चार साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इक्विटी एडवाइजरी फर्म फिनाजेन के संस्थापक-निदेशक हेमंग जानी ने कहा, बाजार में काफी रिअलॉकेशन हो रहा है। निवेशक उन थीम से बाहर निकल रहे हैं जिनकी इनकम ने निराश किया है। इस स्थिति के बावजूद, बाजार में बड़ी गिरावट की संभावना कम है। नए हिंदू वर्ष की शुरुआत के अवसर पर विश्लेषकों का मानना है कि तेजी के लिए निफ्टी को 24,500 के स्तर को पार करना होगा। बता दें कि सॉफ्टवेयर कंपनियों में बिकवाली और विदेशी संस्थानों की निरंतर बिकवाली के कारण घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को पारंपरिक हिंदू वर्ष संवत के अंतिम दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स 553 अंक या 0.69 फीसदी की गिरावट के साथ 79,389 पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 इंडेक्स 135.5 अंक या 0.56 फीसदी की गिरावट के साथ 24,205.35 पर बंद हुआ। अक्टूबर के महीने में निफ्टी में 6 फीसदी से अधिक की गिरावट आई, जो पिछले साढ़े चार वर्षों में किसी भी महीने में सबसे बड़ी गिरावट है। गुरुवार के कारोबार में सॉफ्टवेयर एक्सपोर्टर सबसे अधिक नुकसान में रहे। एचसीएलटेक और टेक महिंद्रा में 3.6 फीसदी से अधिक की गिरावट आई। इसके अलावा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और विप्रो में भी 2-3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जिससे निफ्टी आईटी इंडेक्स में 3 फीसदी की कमी आई। हालांकि, कुछ शेयरों में वृद्धि भी देखने को मिली। दवा बनाने वाली कंपनी सिप्ला में 9.5 फीसदी और लार्सन एंड टुब्रो में 6.2 फीसदी की वृद्धि हुई। अक्टूबर में विदेशी निवेशकों ने की बिकवाली निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स में 1.5 फीसदी और माइक्रोकैप 250 इंडेक्स में 2.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस महीने के दौरान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 5,813 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। अक्टूबर में उनकी कुल बिकवाली का आंकड़ा 1,09,800 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वहीं, घरेलू संस्थानों ने 3,515 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे बाजार को गिरावट से बचाने में सहायता मिली। बालेन्द्र/ईएमएस 2 नवंबर 2024