वाशिंगटन(ईएमएस)। आप सोच रहे हैं कि वर्तमान में मंगल ग्रह पर इंसान केवल कुछ दिनों के लिए रह सकते हैं, तो आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वैज्ञानिकों ने वहां पहला पेड़ उगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस नई पहल का उद्देश्य न केवल इंसानों के रहने लायक आवास तैयार करना है, बल्कि ऐसे हालात बनाना भी है जिनमें जीवन पनप सके। इस शोध का नेतृत्व पोलैंड के वारसॉ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर रॉबर्ट ओल्स्ज़ेव्स्की कर रहे हैं। उनका कहना है कि मंगल ग्रह पर पौधों की वृद्धि के लिए कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ 2) का स्तर बढ़ाना आवश्यक है, जिससे ग्रह का तापमान भी बढ़ सके। वर्तमान में, मंगल पर पौधों के पनपने के लिए आवश्यक हालात मौजूद नहीं हैं, खासकर उसके उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में। प्रोफेसर ओल्स्ज़ेव्स्की और उनकी टीम ने 1970 के दशक में वाइकिंग मार्स लैंडर द्वारा एकत्र किए गए तापमान और दबाव के डेटा का उपयोग करके विभिन्न प्रक्रियाओं का सिमुलेशन किया। उन्होंने बताया, हम सीओ 2 में वृद्धि और कृत्रिम ग्रीनहाउस वार्मिंग के कारण होने वाले ग्रीनहाउस प्रभाव की जांच करने के लिए बेसलाइन मॉडल का उपयोग कर रहे हैं। उनका यह अध्ययन यह दर्शाता है कि मंगल ग्रह पर पौधों के पनपने के लिए जो तापमान आवश्यक है, वह ग्रह के दक्षिणी गोलार्ध में संभव है। शोध में यह भी बताया गया है कि मंगल ग्रह पर पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक तापमान को कई डिग्री तक बढ़ाना होगा। इसके साथ ही, पेड़ों की वृद्धि के लिए मौसम का बढ़ना कम से कम 110 मंगल सोल (मंगल ग्रह के दिन) तक चलना चाहिए। ओल्स्ज़ेव्स्की ने कहा, आज मंगल ग्रह के वायुमंडलीय हालात जीवन के अस्तित्व को असंभव बनाते हैं। इसके लिए टेराफ़ॉर्मिंग के तरीकों पर विचार किया गया है, जो ग्रह के तापमान को बदलने का प्रयास करते हैं। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह भी आकलन किया है कि मंगल पर आवश्यक कुल दबाव, ऑक्सीजन की मात्रा, और उपलब्ध पानी का स्तर क्या होना चाहिए। शोध के परिणामों के अनुसार, तापमान पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह कई दसियों डिग्री अधिक होना चाहिए, और दैनिक उतार-चढ़ाव भी बहुत कम होना चाहिए। इस अध्ययन का उद्देश्य मंगल ग्रह पर जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करना है, जिससे न केवल इंसान बल्कि पेड़-पौधे भी जीवित रह सकें। वैज्ञानिकों की यह महत्वाकांक्षी योजना मंगल ग्रह को एक जीवनदायिनी ग्रह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि यह प्रयास सफल होता है, तो यह भविष्य में मंगल पर जीवन की संभावनाओं को नया आयाम दे सकता है। वीरेन्द्र/ईएमएस 02 नवंबर 2024