700 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 22 जिलों से होकर गुजरेगा लखनऊ, (ईएमएस)। उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने एक नई और महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है, इसमें गोरखपुर से शामली के बीच 700 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण होगा। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा, इसमें पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इस परियोजना का उद्देश्य प्रदेश में बुनियादी ढांचे को बेहतर और यात्रा को आसान बनाना है। यूपी सरकार के द्वारा की गई घोषणा के तहत यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे गोरखपुर से शुरू होकर शामली तक जाएगा। इसकी योजना में निम्नलिखित 22 जिले शामिल हैं गोरखपुर, बस्ती, संतकबीर नगर, गोंडा, अयोध्या, बाराबंकी, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, शाहजहांपुर, बदायूं, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली हैं| योगी सरकार के सूत्रों ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से प्रदेश के राजस्व में वृद्धि होगी, जिससे विकास कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस ग्रीन एक्सप्रेसवे पर विशेष सुविधाओं का विकास किया जाएगा, इसमें लड़ाकू विमानों के उतारने की व्यवस्था भी शामिल होगी, ताकि आपात स्थिति में विमानों की लैंडिंग संभव हो सके। यह एक्सप्रेसवे न केवल आवागमन को सुगम बनाएगा, बल्कि स्थानीय व्यवसायों और उद्योगों को भी प्रोत्साहन देगा, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होने है। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे को आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों को अन्य स्थानों पर पहुंचने में आसानी होगी। इस योजना के तहत गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया ने बताया कि अगली बैठक में इस योजना के कार्यान्वयन पर निर्णय होगा। उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में कई एक्सप्रेसवे का निर्माण किया गया है, जिसमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे शामिल हैं। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के बाद, प्रदेश के बुनियादी ढांचे को और मजबूती मिलेगी, जिससे उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेसवे राज्य के रूप में स्थापित किया जा सकेगा। इस प्रकार, गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे की योजना प्रदेश के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल कनेक्टिविटी में सुधार करेगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। प्रदेश की सरकार का यह प्रयास निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश को एक बेहतर और समृद्ध भविष्य की ओर ले जाएगा। आशीष दुबे / 01 नंवबर 2024