01-Nov-2024


नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली की आतिशबाजी में झुलसकर काफी संख्या में लोग एम्स सफदरजंग आरएमएल व लोकनायक अस्पताल के बर्न विभाग के वार्ड में भर्ती कराए गए हैं। अकेले आरएमएल अस्पताल में ही 44 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। जिसमें से नौ मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण बर्न वार्ड में भर्ती किए गए हैं। बाकी मरीजों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डा. समीक भट्टाचार्य ने बताया कि भर्ती किए गए मरीजों में छह बच्चे हैं, जिसमें दो किशोर शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती नौ में से तीन मरीजों की हालत ज्यादा गंभीर है। इसमें से एक मरीज 45 प्रतिशत तक झुलस गया है। दूसरा मरीज को 35 प्रतिशत जला है। इस मरीज का चेहरा भी जल गया है। तीसरा मरीज को 25 प्रतिशत बर्न (जलना) है और जांघ के आसपास का हिस्सा जल गया है। बिंदापुर में एक घर में पटाखे बनाने का सामान रखा था। आतिशबाजी के कारण इस घर में आग लग गई और विस्फोट होने से एक ही परिवार के छह लोग झुलस गए। पटाखा बनाते समय दो घटनाएं हुई। डा. समीक ने बताया कि पिछले वर्ष पटाखों के विस्फोट से हाथ में गंभीर चोट लगने के मामले नहीं आए थे। इस बार पटाखों के विस्फोट से दो मरीज हाथ में चोट की परेशानी के साथ अस्पताल पहुंचे थे। एक मरीज के अंगुली में फ्रेक्चर था और दूसरे मरीज के टेंडन में चोट थी। दोनों की सर्जरी की गई। दिल्ली पुलिस के संयुक्त सीपी एसके जैन गुरुवार को कहा कि मैं सभी को सुखद और सुरक्षित दीवाली की शुभकामनाएं देता हूं। आज दिल्ली के सभी वरिष्ठ अधिकारी आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गश्त कर रहे हैं। वहीं एक्सपर्ट का मानना था कि जिस तरीके से आतिशबाजी हो रही है दिल्ली में प्रदूषण का स्तर और भी खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है। जो कि सही साबित हुआ। एक अन्य मामले में दिल्ली के द्वारका के छावला इलाके में गुरुवार शाम एक बस में ले जा रहे कुछ पटाखों में आग लगने से एक व्यक्ति और उसका साथी बुरी तरह से झुलस गया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली/ईएमएस/01/ नवम्बर /2024