नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सबसे पुराने कार्यकर्ता भुलई भाई का निधन हो गया। उन्होंने 111 साल की उम्र में गुरुवार शाम कप्तानगंज में अंतिम सांस ली। कोविड महामारी के समय में पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद फोन करके भुलई भाई का हालचाल जाना था। इसके बाद भुलई भाई लाइमलाइट में आ गए थे। 111 साल के नारायण उर्फ भुलई भाई जनसंघ के टिकट पर विधायक भी रहे। पिछले दिनों उनकी तबीयत खराब हुई थी और उसके बाद वह पगार छपरा स्थित अपने घर पर ही ऑक्सीजन पर थे। भुलई भाई दीनदयाल उपाध्याय से प्रेरित होकर राजनीति में आए थे और 1974 में कुशीनगर की नौरंगिया सीट से जनसंघ दो बार विधायक चुने गए थे। जनसंघ के बीजेपी बनने के बाद भी वह पार्टी कार्यकर्ता थे। साल 2022 में यूपी में दोबारा योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद शपथ ग्रहण समारोह में भुलई भाई खास मेहमान बनकर लखनऊ पहुंच थे। लखनऊ में कार्यकर्ता सम्मेलन में भुलई भाई को अमित शाह ने मंच से नीचे उतर कर सम्मानित किया था। बता दें एक बार जब दीनदयाल उपाध्याय ने भुलई भाई को अपनी थाली से खाना लेने का आग्रह किया तो भुलाई भाई ने हिचकिचाते हुए उनसे कहा था कि यदि आपने मुझे अपना खाना दे दिया तो आप क्या खाएंगे? तब महान नेता ने कहा था कि आप खाइये आपको लंबा जीवन जीना है। जब भारतीय जनसंघ स्थापित हुआ तो भुलई भाई स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे थे। बाद में भुलई भाई शिक्षा अधिकारी बन गए। लेकिन 1974 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और राजनीति में शामिल होकर देश और समाज के लिए कुछ करने का दृढ़निश्चय कर लिया। इसी साल भारतीय जनसंघ ने उन्हें नौरंगिया विधानसभा से टिकट दिया और वह यह जीत गए। 1977 में भुलई भाई दोबारा विधायक बने। सिराज/ईएमएस 01नवंबर24