राष्ट्रीय
01-Nov-2024


नई दिल्ली(ईएमएस)। देश के दो राज्यों में विधानसभा चुनाव का शोर सुनाई दे रहा है जबकि कई राज्यों में उपचुनाव भी हैं। इस संग्राम में चुनावी नारों की धूम भी मची हुई है। पहले बंटेंगे तो कटेंगे सुनाई दिया अब एक हैं तो सेफ हैं गूंज रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा के चुनावों में बटेंगे तो कटेंगे जैसे नारे का जिक्र किया था, जिसने पार्टी को बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई। हरियाणा में आक्रामक हिंदुत्व की पिच पर योगी आदित्यनाथ का प्रचार काफी प्रभावी रहा और चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी की जीत में इसका बड़ा योगदान था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी मुख्यमंत्री योगी की इस टिप्पणी का समर्थन किया था। संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि देश की एकता के लिए समाज का मिलजुलकर रहना आवश्यक है। अब महाराष्ट्र और झारखंड में भी बीजेपी इसी रुख पर चल रही है। प्रधानमंत्री मोदी के एक हैं तो सेफ हैं नारे को पार्टी द्वारा समाज में एकता और सुरक्षा का संदेश देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री और पार्टी नेताओं द्वारा दिए गए ये संदेश कोर वोटर्स को आकर्षित करने के उद्देश्य से दिए जा रहे हैं, जिससे इन राज्यों में चुनावी जीत सुनिश्चित की जा सके। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत की एकता और अखंडता पर जोर देते हुए कहा कि देश को शहरी नक्सलियों के नए मॉडल से सावधान रहने की जरूरत है, जिनका उद्देश्य केवल अराजकता फैलाना और अस्थिरता पैदा करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा कुछ आंतरिक और बाहरी ताकतों के लिए चिंता का विषय है, जो बदनामी फैलाने का अभियान चला रही हैं। महाराष्ट्र और झारखंड में आगामी चुनावों में जीत के लिए बीजेपी ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेता पार्टी के समर्थन को बढ़ाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) का मुद्दा उठाया और एक नया नारा एक हैं तो सेफ हैं दिया, जो राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा का संदेश देता है। उनका यह संदेश बीजेपी के कोर वोटर तक पहुंचाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, खासकर इन चुनावी राज्यों में। वीरेन्द्र/ईएमएस 01 नवंबर 2024