नई दिल्ली(ईएमएस)। गोवर्धन पूजा की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 1 नवबंर यानी शाम को 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 2 नवंबर यानी कल रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, इस बार गोवर्धन और अन्नकूट का त्योहार 2 नवंबर को ही मनाया जाएगा। बता दें ये प्रकृति की पूजा है जिसका आरंभ भगवान कृष्ण ने किया था। इस दिन प्रकृति के आधार के रूप में गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है और समाज के आधार के रूप में गाय की पूजा की जाती है. ये पूजा ब्रज से आरंभ हुई थी और धीरे धीरे भारत में प्रचलित हो गई। इसके पीछे की कथा आती है की इंद्र की पूजा ना करके भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा करवाई। और जब ब्रज जलमग्न हो गया तो भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठा कर के ब्रजवासियों की रक्षा की थी। इस बार अन्नकूट और गोवर्धन पूजा 2 नवंबर, शनिवार को की जाएगी। गोवर्धन पूजन के लिए ये मुहूर्त - एक मुहूर्त सुबह 6 बजकर 34 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। - दूसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 23 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। - तीसरा मुहूर्त शाम 5 बजकर 35 मिनट से लेकर 6 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। गोवर्धन पूजन विधि इस दिन सबसे पहले शरीर पर तेल की मालिश करके स्नान करें। इसके बाद घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं। साथ ही उस पर्वत को घेरकर आसपास ग्वालपाल, पेड़ और पौधों की आकृति बनाएं। उसके बाद गोवर्धन के पर्वत के बीचोंबीच भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर लगाएं। इसके बाद गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की पूजा करें। पूजन करने के बाद अपनी मनोकामनाओं की प्रार्थना करें। इसके बाद भगवान कृष्ण को पंचामृत और पकवान का भोग लगाएं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो लोग गोवर्धन पर्वत की प्रार्थना करते हैं, उन लोगों की संतान से संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। इस दिन श्रद्धालु तरह-तरह की मिठाइयों और पकवानों से भगवान कृष्ण को भोग लगाते हैं। यही नहीं, इस दिन 56 भोग बनाकर भगवान कृष्ण को अर्पित किये जाते हैं और इन्हीं 56 तरह के पकवानों को अन्नकूट बोला जाता है। इस दिन मंदिरों में भी अन्नकूट का आयोजन किया जाता है। वीरेन्द्र/ईएमएस 01 नवंबर 2024