मुंबई(ईएमएस)। इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव काफी रोचक और कांटेदार मुकाबले के साथ होने वाले हैं। नेताओं के अपने सियासी समीकरण प्रभावित हो रहे तो उम्मीदवारी को लेकर भी घमासान मचा हुआ है। माहिम विधानसभा सीट पर उम्मीदवारों को लेकर महायुति गठबंधन में असमंजस की स्थिति बन गई है। इस सीट पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे, शिवसेना के मौजूदा विधायक सदा सर्वणकर और शिवसेना (यूबीटी) के महेश सावंत के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है। यहां लड़ाई दिलचस्प तब हो गई जब भाजपा ने अमित ठाकरे को अपना समर्थन देने का वादा कर दिया। वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने अपने मौजूदा विधायक को मैदान में उतारने का फैसला किया है और दोनों ही दल अपने फैसले पर अड़े हुए हैं। इस पूरे मामले पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा, हम अमित ठाकरे का समर्थन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का भी यही विचार है। अगर शिवसेना का उम्मीदवार नहीं होता है, तो उनके वोट शिवसेना (यूबीटी) को जाएंगे, इसलिए उम्मीदवार दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति का समाधान खोजने के प्रयास किए जाएंगे। फडणवीस ने कहा कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेताओं ने तर्क दिया कि अगर पार्टी चुनाव नहीं लड़ती है तो उसके समर्पित मतदाता उद्धव सेना में चले जाएंगे। उन्होंने कहा, भाजपा अमित का समर्थन करने के लिए तैयार थी और अभी भी अपने रुख पर कायम है। भाजपा को इस बात उम्मीद थी कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना विधायक सर्वणकर को सीट से हटाकर अमित ठाकरे का समर्थन करेगी। हालांकि भाजपा नेताओं का दावा है कि इस मामले पर शिंदे के साथ समझौता हो गया है। वहीं, शिवसेना नेताओं का तर्क है कि अगर वे उम्मीदवार नहीं उतारते हैं तो उनके वोट उद्धव गुट को जा सकते हैं। सर्वणकर ने बुधवार को राज ठाकरे से अनुरोध किया कि वे अपने बेटे की माहिम सीट से उम्मीदवारी वापस लें और शिवसेना का समर्थन करें। विधायक ने ट्वीट कर शिवसेना के वफादार के रूप में अपने 40 साल के कार्यकाल और कड़ी मेहनत के दम पर तीन बार विधायक चुने जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे जीवित होते तो वे उनसे अपने रिश्तेदारों के लिए सीट छोड़ने के लिए नहीं कहते। शिवसेना एमएलए ने कहा, दादर-माहिम में बाल ठाकरे के 50 रिश्तेदार रहते हैं, लेकिन उन्होंने मुझ जैसे आम कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया। वे कार्यकर्ता की भावना को संजोने वाले नेता थे। एकनाथ शिंदे साहब को देखिए। भले ही उनका बेटा तीन बार सांसद रहा हो, लेकिन उन्होंने अपने बेटे को केंद्र में मंत्री नहीं बनाया, बल्कि एक वफादार शिवसैनिक को यह मौका दिया। उन्होंने आगे कहा, मैं राज साहब से अनुरोध करता हूं कि वे मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय न करें। मुझे अपना समर्थन दें। इस बीच सरवणकर ने एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और दावा किया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे माहिम से चुनाव लड़ेंगे। इस बीच, राज ठाकरे ने जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र में अगली सरकार महायुति गठबंधन के नेतृत्व में होगी, जिसमें मुख्यमंत्री का पद भाजपा को मिलेगा। वीरेन्द्र/ईएमएस 01 नवंबर 2024